
हाईवे विस्तार के लिए आगोर भूमि देने पर जवाब पेश करे सरकार
जोधपुर. राजस्थान हाईकोर्ट (rajasthan highcourt) ने बनाड़-बर हाईवे चौड़ा करने के लिए आगोर भूमि का आवंटन प्रस्तावित करने और नेशनल हाईवे ऑथोरिटी (NHA) की ओर से भूमि सीमांकन पर अंतरिम रोक यथावत रखते हुए राज्य सरकार (state govt. of rajasthan) और जोधपुर विकास प्राधिकरण (JDA) को एक सप्ताह में जवाब पेश करने के निर्देश दिए हैं। अगली सुनवाई 18 सितंबर को होगी।
वरिष्ठ न्यायाधीश संगीत लोढ़ा और न्यायाधीश दिनेश मेहता की खंडपीठ में प्रभातदान की ओर से दायर जनहित याचिका की सुनवाई के दौरान नेशनल हाईवे ऑथोरिटी की ओर से अधिवक्ता विनित सनाढ्य ने अंतरिम रोक हटाने के लिए प्रार्थना पत्र पेश किया। लेकिन सरकार और जेडीए का प्रत्युत्तर नहीं आने के कारण पर कोर्ट ने उस पर सुनवाई नहीं कर अतिरिक्त महाधिवक्ता संदीप शाह को जवाब पेश करने को कहा। याची के अधिवक्ता मुक्तेश माहेश्वरी ने कोर्ट को बताया कि बनाड़-बर हाईवे को चौड़ा करने के लिए भूमि अवाप्ति की गई थी। इस अवाप्ति में बनाड़ के निकट भूमि चिह्नित की गई थी, जिस पर कुछ अतिक्रमियों ने अवैध दुकानें और ढाबे बना रखे हैं। इन अतिक्रमणकारियों को बचाने के लिए समीपवर्ती आगोर की भूमि से नेशनल हाईवे निकालने के लिए एक पार्षद ने सरकार को सिफारिश की, जिस पर नेशनल हाईवे ऑथोरिटी ने जोधपुर विकास प्राधिकरण को आगोर भूमि आवंटन का प्रस्ताव सरकार को भेजते हुए प्रस्तावित बदलाव को मंजूरी दे दी। माहेश्वरी ने बताया कि आगोर की भूमि कैचमेंट का भाग है, जिसका आवंटन केवल कुछ अतिक्रमणकारियों को बचाने के लिए किया जा रहा है।
Published on:
09 Sept 2019 07:55 pm
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