यारो ! ये पत्थरों का नगर जोधपुर है
-मख़्मूर सईदी पत्थर के सब मकान हैं, रेशम के सब मकीं,
अब तक ये इज्तेमा तो देखा न था कहीं।
चेहरों पे ग़म की धूल है दिल हैं आईने,
इस पत्थरों के शहर का हासिल हैं आईने।
इस आईने में अक्से-ख़ुलूस-ओ-वफ़ा मिला,
जो भी सनम मिला दिलों का ख़ुदा मिला।
ये मेहरबां बुतों की दिलों पे ख़ुदाइयां,
इस शहरे-दिलनवाज़ की ये ख़ुशअदाइयां।
हर रास्ते में फूल बिछाता ज़रूर है,
यारो ! ये पत्थरों का नगर जोधपूर है।
-मख़्मूर सईदी पत्थर के सब मकान हैं, रेशम के सब मकीं,
अब तक ये इज्तेमा तो देखा न था कहीं।
चेहरों पे ग़म की धूल है दिल हैं आईने,
इस पत्थरों के शहर का हासिल हैं आईने।
इस आईने में अक्से-ख़ुलूस-ओ-वफ़ा मिला,
जो भी सनम मिला दिलों का ख़ुदा मिला।
ये मेहरबां बुतों की दिलों पे ख़ुदाइयां,
इस शहरे-दिलनवाज़ की ये ख़ुशअदाइयां।
हर रास्ते में फूल बिछाता ज़रूर है,
यारो ! ये पत्थरों का नगर जोधपूर है।
जोधपुर। गुजरात के अहमदाबाद में जोधपुरी समाज आने वाली पीढ़ी को जोधपुर व मारवाड़ से जोड़े रखने के लिए प्रयासरत है। दुनिया भर में युवा, परिवार और सांस्कृतिक व्यवस्था वैश्वीकरण के चलते डगमगा रही है, लेकिन जोधपुर एसोसिएशन अहमदाबाद ने इसे जीवंत रखा हुआ है।
संस्थापक सदस्य एमएम सिंघी बताते हैं कि इसी सोच के साथ बनी जोधपुर एसोसिएशन काफी सक्रिय है। पिछले डेढ़ साल से एसोसिएशन सूर्यनगरी पत्रिका का प्रकाशन कर रहा है। इस प्रकाशन को मिश्रित भाषा में रखा जाता है। जिसमें मारवाड़ी शब्दों और कहावतों का खास प्रयोग किया जाता है। मूल रूप से जोधपुर और मारवाड़ के ऐतिहासिक भवनों, परकोटे में बसे पुराने शहर के इलाकों, पारंपरिक व्यंजनों और उनको बनाने की विधि, तीज- त्योहारों और उनके महत्व के बारे में जानकारी शामिल की जाती है। छोटे बच्चों की रूचि इसमें बढे इसके लिए कार्टून कलर फिलिंग, क्रॉसवर्ड आदि को जोधपुर से जोड़ा जाता है। शैली बापना के अनुसार एसोसिएशन के इस प्रयास को काफी पसंद किया जा रहा है। हालही में एसोसिएशन ने आईपीएल की तर्ज पर सफल क्रिकेट प्रतियोगिताएं भी करवाई है।