scriptजिस बिल्डिंग में ठहरी थी जोधपुर की बेटी, उसी को विस्फोट से उड़ा दिया, मां से कहा था, कुछ देर में कमरा शिफ्ट करेगी | Jodhpur Girl Killed in Terror Attack in Kabul, Afghanistan | Patrika News

जिस बिल्डिंग में ठहरी थी जोधपुर की बेटी, उसी को विस्फोट से उड़ा दिया, मां से कहा था, कुछ देर में कमरा शिफ्ट करेगी

locationजोधपुरPublished: Jan 19, 2019 10:00:20 am

Submitted by:

dinesh

काबुल में आतंकी हमले की शिकार जोधपुर की बेटी का गमगीन माहौल में अंतिम संस्कार…

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जोधपुर।

अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में फिदायीन हमले में जान गंवाने वाली जोधपुर की बेटी शिप्रा (35) का गमगीन माहौल में अंतिम संस्कार कर दिया गया। इससे पहले शिप्रा का पार्थिव शरीर काबुल से हवाई मार्ग से दोपहर 3 बजे जोधपुर एयरपोर्ट लाया गया। शिप्रा की मां अपनी बेटी के शव से लिपटकर बेसुध हो गई।
मां से कहा था, कुछ देर में कमरा शिफ्ट करेगी
शिप्रा हादसे से महज दो दिन पहले, 12 जनवरी को ही अपने परिवार के साथ नव वर्ष की छुट्टियां मनाकर काबुल गई थी। 14 जनवरी को जिस वक्त हादसा हुआ उससे महज आधे घंटे पूर्व शाम साढ़े सात बजे ही उसने अपनी मां आशा से वीडियो कॉल के जरिए बात की और बताया कि वो कुछ ही देर में अपना कमरा शिफ्ट करने वाली है। लेकिन चंद मिनट बाद हुए धमाकों ने सबकुछ छीन लिया। रात आठ बजे आरडीएक्स से भरा ट्रक उस बिल्डिंग से टकरा गया जिसमें वह ठहरी हुई थी। धमाका इतना तेज था कि पूरा भवन गिर गया। इसी में शिप्रा ठहरी थी।

कृष्णा नगर से काबुल तक का सफर
कृष्णानगर में रहने वाली शिप्रा ने 2012 से 2017 में लंदन की यूनिर्वसिटी से एमएससी की। 2018 में वह जोधपुर लौटी। गत चार माह से काबूल में अफगानिस्तान इंस्टीट्यूट फॉर सिविल सोसायटी के डायरेक्टर के तौर पर आंतक प्रभावित लोगों की मदद करने का कार्य कर रही थीं।

आतंक की लड़ाई में कुर्बान हो गई बेटी
शिप्रा के घर मौजूद हर शख्स की आंखें नम थी और आतंक के खिलाफ गुस्सा भी। शिप्रा काफी मिलनसार थी। परिवार के लोगों ने बताया कि उसके मन में शुरू से ही कुछ कर गुजरने का जज्बा था। इसी के चलते उसने आतंकवाद प्रभावित अफगानिस्तान में जाकर सेवा का निर्णय लिया।
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