निगम ने 67 लाख रुपए की रोड स्वीपिंग मशीन का संचालन करने का जिम्मा दिल्ली की एक कंपनी को दिया था। मशीन के बार-बार खराब हो जाने के बाद अधिकारियों ने इसको रख दिया। निगम ने गत जनवरी में मशीन रिपेयर का खर्चा अधिक होने पर गैराज में रखने के लिए कह दिया। इसका टैंडर भी पूरा हो गया था। उसके बाद से मशीन अब तक सडक़ पर नजर नहीं आई है। ये मशीन शहर की मुख्य सडक़ से डस्ट को साफ करती थी।
पुरानी की सार संभाल नहीं और ला रहे नई नगर निगम शहर में अब साफ-सफाई व्यवस्था को और अधिक पुख्ता बनाने के लिए मेकेनिकल रोड स्वीपिंग मशीन ला रहा है। जबकि पुरानी मशीन की कोई सुध नहीं ली जा रही है। इस मशीन पर सालाना 4 करोड़ रुपए 20 लाख रुपए खर्च होंगे। फिलहाल निगम ने इसको लेकर टेक्निकल बीड खोली है। ये स्वीपिंग मशीन दिल्ली की तर्ज पर शुरू करने की तैयारी है। वहां धुआं व डस्ट को देखते हुए पानी के छिडक़ाव के साथ स्वीपिंग मशीन का इस्तेमाल किया जाता है।
महापौर घनश्याम ओझा से सीधी बात पत्रिका-क्या नई रोड स्वीपिंग मशीन आ रही है ? महापौर- शहर की जितनी भी मुख्य रोड हैं, उनकी सफाई के लिए मशीन आएगी। पत्रिका-नगर निगम की रोड स्वीपिंग मशीन नागौरी गेट गैराज में कबाड़ की तरह रखी है, उसका क्या किया जाएगा?
महापौर– उसकी हम रिपेयरिंग करवाएंगे। ताकि वह भी काम में लाई जा सके। पत्रिका-क्या ये बात सही है कि टैंडर पूरा होने के बाद मशीन का उपयोग बंद कर दिया गया था? महापौर– हमने इसके टैंडर की पुन: प्रक्रिया शुरू कर दी है। इसको हम सही करवाएंगे। इस पर करीब 8-10 लाख रुपए खर्च होंगे। शहर की तीन मुख्य रोड मंडोर, चौपासनी और जालोरी गेट से पाल रोड, आखलिया चौराहा से कायलाना तक की सफाई होगी। हम इस मशीन का उपयोग लेंगे।