125 अंक है स्वच्छता सर्वेक्षण में हवा में धूल के कण कम करने के। इन मशीनों को इसी उद्देश्य से खरीदा जा रहा है। लेकिन टैंडर प्रक्रिया में देरी होने के कारण इस वर्ष के अंक कट जाएंगे।
प्रदेश में पहली बार इस तरह की मशीनें आएंगी जो सडक़ों को गीला करने के बाद सफाई करेंगी। इसे वेट स्वीपिंग प्रक्रिया कहते हैं। इससे झाडू लगाते समय धूल के कण हवा में नहीं उड़ेंगे। एक मशीन एक दिन में 25 किलोमीटर तक सडक़ साफ करेगी।
– 2 मशीनें खरीदी जाएंगी
– 1.5 करोड़ में दो मशीनों की खरीद की जाएगी
– 4.43 करोड़ में पांच साल का रखरखाव होगा
– 5.93 करोड़ कुल खर्च करेगा नगर निगम