सुरपुरा निवासी महेन्द्रकुमार उर्फ मंगलाराम बिश्नोई की ओर से पेश परिवाद के अनुसार जमीन अवाप्ति के नाम पर ५.५९ करोड़ रुपए का मुआवजा गलत स्वीकृत कर भुगतान प्राप्त कर लिया गया। आरोप है कि मण्डोर क्षेत्र में बारली मण्डावता निवासी एक व्यक्ति ने वर्ष १९८५ में अपनी कृषि भूमि का आवासीय नक्शा पास कराया था। भूमि रूपान्तरण के बाद सडक़ और जनता की सुविधा के लिए छोड़ी भूमि सरकार में निहित होने से उसका स्वामित्व समाप्त हो गया था। रूपान्तरित भूमि पर आवासीय कॉलोनी काटकर अधिकांश भूखण्ड और स्वामित्व की भूमि बेच दी गई थी।
वर्ष २०१४-१५ में जोधपुर-नागौर हाइवे-६५ के डबल लाइन निर्माण के लिए भूमि अवाप्ति प्रक्रिया शुरू की गई थी। अपर जिला कलक्टर जोधपुर (तृतीय) को भूमि अवाप्ति अधिकारी और पीडब्ल्यूडी के अधीक्षक अभियंता को प्रोजेक्ट मैनेजर नियुक्त किया गया था। डबल लाइन सडक़ बनाने में इस खसरा नम्बर की भूमि अवाप्त की गई। ८ सितम्बर २०१६ को आदेश पारित कर दिया गया। लाभार्थियों में आवासीय कॉलोनी के लिए भूखण्ड काटकर बेचने वाले व्यक्ति भी शािमल था। उसे ८६६४ वर्ग मीटर कृषि भूमि अवाप्ति के बदले ५ करोड़ ५९ लाख ४१ हजार ७० रुपए स्वीकृत कर दिए गए थे।
जांच चल रही है ‘अवाप्ति के बदले मुआवजे में गड़बड़ी के आरोप की जांच चल रही है। मौका निरीक्षण किया जा चुका है। पटवारी और राजस्व विभाग से कुछ रिपोर्ट मांगी गई है। इनके मिलने के बाद जांच से स्पष्ट हो पाएगा।’
भोपालसिंह लखावत, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (ग्रामीण), एसीबी जोधपुर
भोपालसिंह लखावत, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (ग्रामीण), एसीबी जोधपुर