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जोधपुर के सैंड स्टोन उद्योग पर भारी पड़ सकती है खान विभाग की लापरवाही

locationजोधपुरPublished: Sep 16, 2018 04:56:40 am

Submitted by:

yamuna soni

खानधारकों ने पेश कर दी सिम्प्लीफाइड माइनिंग स्कीम, विभाग साढ़े 5 माह से नहीं कर रहा अनुमोदन

Jodhpur's Sand Stone mines risk hovering on

जोधपुर के सैंड स्टोन उद्योग पर भारी पड़ सकती है खान विभाग की लापरवाही

जोधपुर-बालेसर में करीब 12 हजार खानें संचालित

जोधपुर.

जोधपुर-बालेसर में चल रही क्वारी लाइसेंसों (छोटी खानें, जो 1 हैक्टेयर से कम क्षेत्र में विकसित हो) के संचालन के लिए खानधारकों की ओर से सिम्प्लीफाइड माइनिंग स्कीम (एसएमएस) अनुमोदन के लिए खान विभाग में पेश की जा चुकी हैं।
विभाग की ओर से एसएमएस अनुमोनित नहीं की जा रही है। खानधारकों को हर 5 वर्ष में सिम्प्लीफाइड माइनिंग स्कीम (एसएमएस) बनानी होती है। खान विभाग द्वारा अनुमोदन करने पर ही वे संचालित हो सकती है। विभाग की ओर से साढ़े पांच माह बाद भी एसएमएस अनुमोदन नहीं करने पर जोधपुर के पत्थर उद्योग के संचालन पर तलवार लटक रही है।

क्वारी लाइसेंसों के संचालन के लिए हर पांच वर्ष के लिए खानधारकों को एसएमएस बनानी होती है। जोधपुर-बालेसर में चल रही करीब 12 हजार क्वारी लाइसेंसों के एसएमएस मार्च 2018 में ही पूरे हो गए थे। बाद में, खानधारकों ने अगले पांच वर्षो के लिए एसएमएस बनाकर पेश कर दिए। विभाग की ओर से एसएमएस अनुमोदन नहीं किए जाने से खानधारक दुविधा में हैं।
खानधारकों की ओर से एसएमएस पेश करने के बाद विभाग की ओर से एसएमएस पेश करने वाली खानों का मौका-निरीक्षण कर एसएमएस अनुमोदन करना होता है, हाल यह है कि, विभाग की ओर से मौका-निरीक्षण भी नहीं किया गया है। ऐसी स्थिति में विभाग मौका-निरीक्षण और एसएमएस अनुमोदन कब करेगा? नियमानुसार, एसएमएस अनुमोदन के बिना क्वारी लाइसेंसों को अवैध घोषित करने व खनन कार्य बंद करने का प्रावधान हैं।

एसएमएस में यह जानकारी देनी होती है

– खान में पत्थर उत्पादन कैसे व किस प्रकार होगा ?
– पर्यावरण संरक्षण को लेकर क्या योजना होगी ?

– पेड़-पौधों को बचाने के लिए क्या प्रयास होंगे ?
– प्लांटेशन का क्या तरीका होगा ?
– पानी के छिडक़ाव की व्यवस्था सहित खनन संबंधी गतिविधियों की जानकारी देनी होती है।

इनका कहना है
एसएमएस अनुमोदन का चार्ज सहायक खनिज अभियंता के पास है। खानधारकों की ओर से पेश एसएमएस में से कितनों का अनुमोदन हुआ या नहीं हुआ। या वे क्यों नहीं कर रहे है। सहायक खनिज अभियंता ही पूरी जानकारी दे पाएंगे।
श्रीकृष्ण शर्मा, खनिज अभियंता

यह जानकारी खनिज अभियंता (एमई) से पूछो, वे ही बताएंगे।
रंजीतसिंह, सहायक खनिज अभियंता

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