सुबह 10.30 बजे के आस-पास का समय। जब जालोरी गेट से भीतर जाने वाले मार्ग आम दिनों में ट्रैफिक की कतार से भरमार होता है वह सूना है। बाजार बंद, सडक़ पर भी वाहन नहीं। सडक़ किनारे लगा गंदगी का अंबार, मानो निगम टीम भी लॉकडाउन में, सिर्फ आवारा मवेशियों का जमावड़ा। बीच में एक-दो दूध की डेयरी जरूरी खुली थी। थोड़ा आगे बढ़े सर्राफा बाजार से लखारा बाजार जाने वाली सडक़ भी सूनी-सूनी। कुछ दुकानों के बाहर इक्का-दुक्का लोग बातें करते जरूर नजर आए। आगे ऐतिहासिक सरदार मार्केट यानि घंटाघर में कोई आवाजाही नहीं। एक ओर बेरिकेट लगा पुलिस मुस्तैद थी, लेकिन उनको भी ज्यादा मशक्कत नहीं करनी पड़ रही थी। नई सडक़ की ओर बढ़े तो साइकिल मार्केट में कुछ चहल-पहल जरूर दिखी। दुकानें बंद लेकिन लोग बाहर बैठे गपशप करते दिखे।
नहीं मिले यातायात के साधन दोपहर 12 से 1 बजे के बीच का समय तपती गर्मी में पावटा चौराहे पर छाता लेकर पुलिसकर्मी अपनी ड्यूटी पर मुस्तैद। यहां से गुजरने वाले वाहन को रुकवा कर जांच चल रही थी। तभी कुछ महिलाएं बस स्टैंड की ओर से आई, साथ में कुछ बच्चे। टैक्सी या अन्य यातायात के साधन ढूंढ रहे थे, लेकिन कोई साधन नहीं मिला तो पैदल ही रवाना हो गए। वहीं एक परिवार को जब कोई साधन नहीं मिला तो पावटा चौराहे से तांगे की सवारी ही कर ली।
बासनी पुलिया पर दौड़ते दिखे वाहन दोपहर से 1 से 1.30 बजे के बीच बासनी पुलिया पर कुछ वाहन जरूर दौड़ते नजर आए। औद्योगिक क्षेत्र और एम्स नजदीक होने से यहां अन्य सडक़ों की तुलना में चहल-पहल अधिक थी। पुलिस की नाकाबंदी भी नजर नहीं आई। आगे रामेश्वर नगर, भगत की कोठी मार्केट तो पूरी तरह से सूना था। मुख्य पाली रोड पर भी एक-दो भारी वाहनों के अलावा सन्नाटा ही पसरा रहा।
आज से फिर दौड़ेगा शहर 58 घंटे का वाहनों का आवागमन का आदेश 10 अगस्त सुबह 6 बजे समाप्त होगा। सोमवार से शहर फिर पहले ही तरह दौड़ेगा। लेकिन जागरूकता और सावधानी इन दिनों में भी जरूरी है। अभी प्रत्येक वीकेंड यह लॉकडाउन रहेगा या नहीं यह स्पष्ट नहीं है, लेकिन यदि ऐसा संयम आगे भी दिखाया तो कोरोना ही इस जंग में हम आगे रह सकते हैं।