जोधपुर में 3 मई की दोपहर से Curfew लगा है। प्रशासन ने कर्फ्यू 8 मई रात 12 बजे तक बढ़ा दिया है, लेकिन कर्फ्यू में 6 मई को दो घंटे और 7 मई को चार घंटे की छूट दी गई। इस दौरान सिर्फ किराणा, दूध. फल-सब्जी व चश्मे की दुकानें खोलने की अनुमति दी गई है। लोग किराणे का सामान और अन्य जरूरत की चीजें खरीद रहे हैं, लेकिन सामान पूरा नहीं मिल पा रहा। चूंकि महीने की शुरुआत में ही कर्फ्यू लग गया, ऐसे में लोगों का महीने का राशन खत्म हो चुका है। लोग पूरे महीने के राशन खरीदना चाह रहे हैं, लेकिन व्यापारियों का कहना हैं कि दुकान में माल कहां से लाएं। जितने घंटे दुकान खोलने की अनुमति है, उतने बजे तक तो कृषि मंडी खुलती भी नहीं है। ऊपर से ऑटो रिक्शाओं व लोडिंग टैक्सियों का प्रवेश निषेध है। वे खुद भी जाकर खाद्य सामग्री नहीं ला पा रहे है। क्योंकि वाहनों का आवागमन छूट के दौरान निषेध है।
ग्राहक लौट रहे खाली दुकानों में माल नहीं होने से कई लोगों को पर्याप्त राशन नहीं मिल पा रहा है। लोग एक दुकान से दूसरी दुकान पर भटकते दिखाई दिए। कर्फ्यू कितने दिन चलेगा, ये अभी कोई नहीं जानता। इस कारण बड़ी मात्रा में घर में खाद्य सामग्री का इंतजाम करने की मजबूरी है। व्यापारी अभिषेक बोहरा ने कहा कि कृषि मंडी साढ़े ग्यारह बजे तक खुलती है, लेकिन कर्फ्यूग्रस्त इलाकों में वाहनों की आवाजाही पर रोक है। वे खुद सामान लेने मंडी चले जाएं तो दुकान कैसे सम्भालें। व्यापारियों का कहना है कि कुछ अंतराल के लिए केवल ऑटो को दुकानों तक माल लाने की अनुमति भी दी जानी चाहिए। व्यापारी राजा जोशी ने कहा कि दुकान पर आटा व पोहा सहित कई सामान खत्म हो चुका है। ग्राहकों को खाली लौटाना पड़ रहा है।
हालात पर निर्भार करेगा दूसरी ओर जिला प्रशासन का कहना है कि दो दिनों से दी जा रही कर्फ्यू में छूट के दौरान कोई अप्रिय वारदात नहीं हुई है। स्थिति धीरे धीरे सामान्य हो रही है। कर्फ्यू के बारे में हालात की समीक्षा करने के बाद छूट देने का फैसला किया जा रहा है। कर्फ्यू कितने दिन चलेगा, इस बारे में स्थितियां देखकर ही कोई फैसला किया जा सकता है।