उन्होंने ” हिए काया में तथा बणजारा….” वाणियों के माध्यम से श्रोताओं का मन मोह लिया। वहीं मुम्बई के प्रसिद्ध मुम्बई के कबीर कैफे के नीरज द्वारा गाए सत्गुरू है व्यापारी भजन ने श्रोताओं का मन मोह लिया। लखनऊ के हिमांशु वाजपेयी और वेदान्त भारद्वाज दास्तान अमीर खुसरो के भजन भी सुने। जैसलमेर के सुप्रसिद्ध वाणी गायक महेशाराम ने मैं वारी जाऊं रे बलिहारी जाऊं रे आदि भजन प्रस्तुत किए। सत्संग में इनके अलावा विभिन्न राज्यों से आए कलाकारों ने कबीर की वाणी व सूफी रचनाएं प्रस्तुत की।
सत्संग में कबीर पंथी संत ईश्वर साहेब, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक लक्ष्मीनारायण शर्मा, पुलिस उपाधीक्षक पारस सोनी, सीआई राजीव भादू, पार्षद रमेश थानवी, मेघराज कल्ला, श्रीकांत बोहरा, दूसरा दशक के मुरारी लाल थानवी आदि उपस्थित थे। कबीर यात्रा के स्थानीय संयोजक डॉ. दिनेश शर्मा ने बताया कि इससे पूर्व शाम को यात्रा के फलोदी पहुंचने पर कबीर यात्रा में शामिल देशी-विदेशी यात्रियों का मलार चौराहे पर भव्य स्वागत किया गया। समरसता, सौहार्द और एकता का दिया संदेश -यात्रा के निदेशक गोपालसिंह ने बताया कि राजस्थान पुलिस प्रॉजेक्ट ताना-बाना को अमली जामा पहनाने के लिए इस कबीर यात्रा का आयोजन किया जा रहा है। इस आयोजन के माध्यम से जनसामान्य को चाक-चौबंद रहकर समाज में समरसता, सौहार्द और एकता के प्रयास करने के लिए प्रेरित किया जा रहा है। संतों की वाणी तथा सूफी कलाम द्वारा साम्प्रदायिक सौहार्द एवं सद्भाव बनाए रखने के लिए कबीर यात्रा को माध्यम बनाया है। यात्रा के दौरान आमजन को कम्युनिटी पुलिसिंग के उद्देश्यों के बारे में जागरुक किया जा रहा है।