स्वास्थ्य के साथ खरीदारी के लिए भी श्रेष्ठ रहेगी पूर्णिमा
पं. ओमदत्त शंकर ने बताया कि शरद पूर्णिमा तिथि ३० अक्टूबर को शाम ५.४५ बजे से शुरू होकर ३१ अक्टूबर को रात्रि ८.१८ बजे तक रहेगी। इस बार आश्विन शुक्ल चतुर्दशी को पूर्णिमा तिथि निशीथ व्यापिनी है तथा अगले दिन प्रदोष व्यापिनी है । यदि पूर्णिमा तिथि पहले दिन निशीथ व्यापिनी एवं दूसरे दिन प्रदोष व्यापिनी हो तो शरद पूर्णिमा/ कोजागर व्रत दूसरे दिन ही होगा। क्योंकि इस व्रत में किए जाने वाले लक्ष्मी पूजन का काल प्रदोषकाल ही लिखा है। अत: शरदपूर्णिमा / कोजागर व्रत 31 अक्टूबर को धर्मशास्त्र सम्मत है । इस दिन पूर्णिमा चन्द्रोदय व्यापिनी भी है । शरद पूर्णिमा को चंद्रमा की शीतल चांदनी में चावल और गाय के दूध से निर्मित खीर रात में और सुबह सेवन से श्वांस व दमा के रोगियों के लिए फायदेमंद रहती है। इस दिन गुरु धनु में, शनि मकर में स्वयं राशि पर रहेंगे। सूर्य तुला राशि में, शुक्र कन्या राशि में नीच राशि पर रहेंगे। इस दिन सिद्धियोग होने से भूमि, भवन, वाहन और आभूषण की खरीदारी की जा सकती है।
पं. ओमदत्त शंकर ने बताया कि शरद पूर्णिमा तिथि ३० अक्टूबर को शाम ५.४५ बजे से शुरू होकर ३१ अक्टूबर को रात्रि ८.१८ बजे तक रहेगी। इस बार आश्विन शुक्ल चतुर्दशी को पूर्णिमा तिथि निशीथ व्यापिनी है तथा अगले दिन प्रदोष व्यापिनी है । यदि पूर्णिमा तिथि पहले दिन निशीथ व्यापिनी एवं दूसरे दिन प्रदोष व्यापिनी हो तो शरद पूर्णिमा/ कोजागर व्रत दूसरे दिन ही होगा। क्योंकि इस व्रत में किए जाने वाले लक्ष्मी पूजन का काल प्रदोषकाल ही लिखा है। अत: शरदपूर्णिमा / कोजागर व्रत 31 अक्टूबर को धर्मशास्त्र सम्मत है । इस दिन पूर्णिमा चन्द्रोदय व्यापिनी भी है । शरद पूर्णिमा को चंद्रमा की शीतल चांदनी में चावल और गाय के दूध से निर्मित खीर रात में और सुबह सेवन से श्वांस व दमा के रोगियों के लिए फायदेमंद रहती है। इस दिन गुरु धनु में, शनि मकर में स्वयं राशि पर रहेंगे। सूर्य तुला राशि में, शुक्र कन्या राशि में नीच राशि पर रहेंगे। इस दिन सिद्धियोग होने से भूमि, भवन, वाहन और आभूषण की खरीदारी की जा सकती है।