अधिकांश रसोई घरों के मीनू में अब हरी सब्जियों सलाद को हटाकर केर सांगरी, बडिय़ा, राबोडिय़ा, सूखी ग्वार फली व काचरे की सब्जी, दाल, छोले, एक दिन पूर्व पानी में भिगोए सूखे मोठ, चने व मूंग की सब्जी, दाना मेथी, लहसुन की चटनी, मूंग मोगर, बेसन से निर्मित गट्टे की सब्जी, बेसन चिलडिय़ां की सब्जी, शाही गट्टा, काजू गट्टा, पापड की सब्जी, चना दाल, बाजरे व मक्की की राबड़ी, कढ़ी, पीटला मीनू में शामिल हो गया है। प्रतापनगर निवासी गृहणी जमना शर्मा व संतोष ने बताया कि घरों में बनी सब्जियों का अपना अलग स्वाद है। सूखी सब्जियों को उबाल कर सेवन करने से उनमें संक्रमण का खतरा भी कम रहता है।
बढ़ रही सूखी सब्जियों की मांग
अपराधियों को पकडऩे वाली पुलिस भी सब्जियों के लिए बाहर ना निकलने के लिए घर घर जाकर अपील कर रही है। ऐसे में लोगों पर अपील का असर भी नजर आने लगा है।देशव्यापी लॉक डाउन में जोधपुर की रसोईघरों का नया मीनू भी दूसरे राज्यों में रहने वाले प्रवासी मारवाड़वासी भी अपना रहे है। इससे थार में उपजने वाली सूखी सब्जियों खास तौर से केर सांगरी घरों में बनाई जाने वाली बडिय़ा, राबोडिय़ां, सूखी गवार फलियां को अभी से ही अपने मित्रों, रिश्तेदारों को एकत्र कर रखने की मांग बढऩे लगी है।