अमरीका से वीडियो कांफ्रेंसिंग
सीबीआइ चाहती है कि भंवरीदेवी की कथित हड्डियों की जांच करने वाली अमरीकी जांच एजेंसी एफबीआइ की अधिकारी अम्बर बी कार की गवाही अमरीका से वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये करवाई जाए। जबकि बचाव पक्ष का कहना है कि ऐसा कोई प्रावधान ही नहीं है। सुनवाई के दौरान पुलिस ने कड़ी सुरक्षा के साथ मामले के आरोपी इंद्रा,सोहनलाल,बलदेव,शहाबुद्दीन, परसराम,बिशनाराम,अशोक, दिनेश, कैलाश, पुखराज,रेशमाराम सहीराम, उमेशाराम और भंवरी के पति अमरचंद नट को दोपहर ढाई बजे कोर्ट में पेश किया। नियमित सुनवाई के तहत मंगलवार को मामले की सुनवाई जारी रहेगी। सुनवाई के दौरान सीबीआइ के वकील तथा बचाव पक्ष के अधिवक्ता हेमंत नाहटा, संजय विश्नोई और अन्य उपस्थित थे।
यह है मामले का अमरीकी लिंक
सात साल पुराने भंवरीदेवी के अपहरण व हत्याकांड की जांच कर चुकी सीबीआइ ने दावा किया था कि राजीव गांधी लिफ्ट नहर से जो जली हुई हड्डियां बरामद हुई थीं, वे भंवरीदेवी की ही थीं, लेकिन भारतीय एसएफएल एजेंसी इन हड्डियों से डीएनए निकालने में नाकाम रही थी, इसलिए इन तथाकथित हड्डियों के सैम्पल अमरीका स्थित जांच एजेंसी एफबीआइ को भेजे गए थे। एफबीआइ की सीनियर डीएनए एक्सपर्ट अम्बर बी कार ने ही उन हड्डियों का विश्लेषण किया था। हालांकि एफबीआइ ने अपनी रिपोर्ट सीबीआइ को सौंप दी थी लेकिन कानूनी प्रावधान के चलते अनुसंधान अधिकारी को कोर्ट में पेश होकर जांच के सम्बन्ध में गवाही देनी होती है। गौरतलब है कि भारतीय और अमरीकी दूतावास के माध्यम से एफबीआइ को कई बार समन भेजे जा चुके हैं, लेकिन डीएनए एक्सपर्ट कोर्ट में हाजिर नहीं हो पाई। अब सीबीआइ अमरीकी गवाह की गवाही वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये करवाना चाहती है।