scriptजोधपुर की एएनएम भंवरीदेवी के अपहरण और हत्या के मामले का अमरीका से कनेक्शन | Know connection of US FBI with the murder of ANM Bhanvaridevi | Patrika News

जोधपुर की एएनएम भंवरीदेवी के अपहरण और हत्या के मामले का अमरीका से कनेक्शन

locationजोधपुरPublished: Oct 15, 2018 09:27:39 pm

Submitted by:

M I Zahir

जोधपुर की एएनएम भंवरीदेवी के अपहरण और हत्या के मामले में सोमवार को हुई बहस अधूरी रही। यह सुनवाई अमरीकी जांच एजेंसी एफबीआइ की अधिकारी अम्बर बीकार की गवाही के मामले में थी।
 

know-connection-of-us-fbi-with-the-murder-of-anm-bhanvaridevi

 jodhpur court

जोधपुर की एएनएम भंवरीदेवी के अपहरण और हत्या के मामले में सोमवार को हुई बहस अधूरी रही। यह सुनवाई अमरीकी जांच एजेंसी एफबीआइ की अधिकारी अम्बर बी कार की गवाही के मामले में थी। सोमवार को अभियोजन पक्ष की ओर से एससीएसटी कोर्ट में पेश की गई सीआरपीसी की धारा 275 पर बहस हुई। केस में मलखानसिंह विश्नोई की ओर से बचाव पक्ष के अधिवक्ता हेमंत नाहटा की दलील अधूरी रही।

अमरीका से वीडियो कांफ्रेंसिंग
सीबीआइ चाहती है कि भंवरीदेवी की कथित हड्डियों की जांच करने वाली अमरीकी जांच एजेंसी एफबीआइ की अधिकारी अम्बर बी कार की गवाही अमरीका से वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये करवाई जाए। जबकि बचाव पक्ष का कहना है कि ऐसा कोई प्रावधान ही नहीं है। सुनवाई के दौरान पुलिस ने कड़ी सुरक्षा के साथ मामले के आरोपी इंद्रा,सोहनलाल,बलदेव,शहाबुद्दीन, परसराम,बिशनाराम,अशोक, दिनेश, कैलाश, पुखराज,रेशमाराम सहीराम, उमेशाराम और भंवरी के पति अमरचंद नट को दोपहर ढाई बजे कोर्ट में पेश किया। नियमित सुनवाई के तहत मंगलवार को मामले की सुनवाई जारी रहेगी। सुनवाई के दौरान सीबीआइ के वकील तथा बचाव पक्ष के अधिवक्ता हेमंत नाहटा, संजय विश्नोई और अन्य उपस्थित थे।

यह है मामले का अमरीकी लिंक

सात साल पुराने भंवरीदेवी के अपहरण व हत्याकांड की जांच कर चुकी सीबीआइ ने दावा किया था कि राजीव गांधी लिफ्ट नहर से जो जली हुई हड्डियां बरामद हुई थीं, वे भंवरीदेवी की ही थीं, लेकिन भारतीय एसएफएल एजेंसी इन हड्डियों से डीएनए निकालने में नाकाम रही थी, इसलिए इन तथाकथित हड्डियों के सैम्पल अमरीका स्थित जांच एजेंसी एफबीआइ को भेजे गए थे। एफबीआइ की सीनियर डीएनए एक्सपर्ट अम्बर बी कार ने ही उन हड्डियों का विश्लेषण किया था। हालांकि एफबीआइ ने अपनी रिपोर्ट सीबीआइ को सौंप दी थी लेकिन कानूनी प्रावधान के चलते अनुसंधान अधिकारी को कोर्ट में पेश होकर जांच के सम्बन्ध में गवाही देनी होती है। गौरतलब है कि भारतीय और अमरीकी दूतावास के माध्यम से एफबीआइ को कई बार समन भेजे जा चुके हैं, लेकिन डीएनए एक्सपर्ट कोर्ट में हाजिर नहीं हो पाई। अब सीबीआइ अमरीकी गवाह की गवाही वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये करवाना चाहती है।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो