6 माह का होगा प्रवास
कुरजां प्रतिवर्ष सितम्बर माह के प्रथम सप्ताह में खीचन पहुंच जाती है तथा मार्च में वतन वापसी की उड़ान भरती है। इस दौरान छह माह के शीतकालीन प्रवास में ये पक्षी यहां हजारों की तादाद में एकत्रित होकर खीचन को पर्यटक स्थल का रूप दे देते हैं। उल्लेखनीय है कि प्रवासी पक्षी कुरजा के आगमन के साथ ही फलोदी क्षेत्र में देसी- विदेशी पर्यटकों की चहल-पहल बढ़ जाती है।