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जानें जोधपुर शहर विधानसभा क्षेत्र में जन के बनाए मुद्दे

locationजोधपुरPublished: Oct 10, 2018 09:49:56 pm

Submitted by:

Abhishek Bissa

जन एजेंडा2018-23 शहर विधानसभा क्षेत्र पत्रिका समूह के जन एजेंडा 2018-23 के तहत हर विधानसभा क्षेत्र के लोगों, जन संगठनों और समूहों ने बैठक कर रोड मैप तैयार किया।

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जन एजेंडा2018-23 शहर विधानसभा क्षेत्र पत्रिका समूह के जन एजेंडा 2018-23 के तहत हर विधानसभा क्षेत्र के लोगों, जन संगठनों और समूहों ने बैठक कर रोड मैप तैयार किया। साथ ही क्षेत्र के मुद्दे तय किए।
1. सरकारी विभाग में रिश्वतखोरी है। नगर निगम, जेडीए, डिस्कॉम सहित कई विभाग में रिश्वतखोरी बंद होनी चाहिए। नगर निगम व जेडीए में आवासीय व कॉमर्शियल नियमों को सरल व सुगम बनाया जाए। जिससे लोगों को फाइल लगाने व अनुमति मिलने तक सारा कार्य बिना रिश्वत दिए हो सके। जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र, भवन निर्माण अनुमति, लीज डीड जैसी सुविधाएं विधानसभा स्तर पर मुहैया हो। प्रत्येक विधानसभा स्तर पर उपायुक्त कार्यालय बनाए जाए।
2. पुलिस की कार्यप्रणाली में सुधार किया जाए। शहर के थाने कानून की पालना के लिए बाध्य हो, ऐसे नियम बनाया जाए। निर्दोष लोग अपनी शिकायत ले जाने से डरते हैं, क्योंकि पुलिस का रवैया बिल्कुल अच्छा नहीं है। अपराध दिनोंदिन बढ़ता जा रहा है। अपराधियों में खौफ बढ़ाया जाए। शहर की महिलाएं रात को शादी-ब्याह से लौटते वक्त चैन स्नैचिंग जैसी घटनाओं से डर रही है, पुलिस की गश्त ढंग से न होने के कारण ऐसा हो रहा है।
3. सडक़ निर्माण गुणवत्ता पूर्ण सामग्री से हो। ताकि पांच साल तक सडक़ पर गड्ढे न हो। आजकल डामरीकरण करते ही एक बारिश के बाद पूरी सडक़ बिखर जाती है। जबकि हाई-वे व पॉश कॉलोनियों की सडक़ें भी डामर की हैं, वहां ऐसा क्यों नहीं हो रहा है। सडक़ निर्माण में भ्रष्टाचार व कमिश्नखोरी प्रथा बंद होनी चाहिए। सडक़ निर्माण को लेकर सरकार सख्त बने। सडक़ का लेवल इस प्रकार किया जाए, ताकि ढंग से पानी की निकासी हो।
4. सरकार स्वच्छता के नाम पर करोड़ों रुपए खर्च करती है। उसके बावजूद शहर में सफाई व्यवस्था पटरी पर नहीं है। सडक़ पर कचरा फेंकने पर जुर्माने का प्रावधान होना चाहिए। नगर निगम के सफाईकर्मी बराबर सफाई नहीं करते। जगह-जगह सीवरेज की समस्या है। स्थाई समाधान हो।

5. महात्मा गांधी अस्पताल की न्यू आउटडोर जल्द शुरू की जाए। डिस्पेंसरियों में चिकित्सक बढ़ाए जाए। ताकि घर के नजदीक त्वरित चिकित्सा सुविधा मुहैया हो। हड़ताल पर जाने वाले चिकित्सकों को दंडित किया जाना चाहिए। सरकारी डॉक्टरों के निजी प्रेक्टिस पर रोक लगनी चाहिए।
6. राजकीय स्कूलों में सुविधा व संसाधन पूरे नहीं है। जिला प्रशासन व शिक्षा विभाग स्वयं हस्तक्षेप कर निजी स्कूलों की महंगी फीस पर लगाम लगाएं। सरकारी स्कूलों में सुविधा व संसाधन बढ़ाएं।

7. शहर विधानसभा क्षेत्र में आदर्श स्पोट्र्स ग्राउंड बनना चाहिए। जहां बच्चों के लिए हर तरह की स्पोट्र्स सुविधा हो। कई निजी व सरकारी स्कूलों में स्पोट्र्स ग्राउंड नहीं है। बच्चों के लिए घर के आसपास भी ग्राउंड की सुविधा नहीं है। इस कारण से खेल के प्रति बच्चों में दिनोंदिन क्रेज कम होता जा रहा है ।
8. जीतने के बाद विधायक जनता को भूल जाते है। पार्षद स्तर के जन नेता विधायक स्तर औरअपनी पहुंच से बाहर का काम बता अपने कर्तव्यों से इतिश्री कर लेते है। माह में एक बार विधायक अपने क्षेत्र का जायजा लेने निकले। ताकि वे अपने विधानसभा क्षेत्र की वास्तवित स्थिति से अवगत रहे।
9. भीतरी शहर में यातायात व्यवस्था सुगम बनाई जाए। सवारी व लोडिंग ऑटो की संख्या निर्धारित की जाए। दुकानों के बाहर अतिक्रमण हटाए जाए। ताकि रास्ते चौड़े हो। आग जैसी घटनाओं के फायर बाइक वाहन व आपात की स्थिति के लिए मिनी एंबुलेंस की व्यवस्था की जाए। परकोटे को हेरिटेज के रूप में विकसित किया जाए।
10. जलस्त्रोतों को सुधारा जाए। भीतरी क्षेत्र में कई जलाशय बदहाल हैं। उन्हें सुधारने की जरुरत है।

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