तापमान कम होने और रात को ओस के कारण टिड्डी दल ऊंचे पेड़ों पर बैठने लगे हैं। जोधपुर स्थित टिड्डी चेतावनी संगठन (एलडब्ल्यूओ) के पास अधिकांश मशीनें अलवामास टाइप की हैं जो ग्राउण्ड पर पेस्टिसाइड स्प्रे करती है। पेड़ों पर स्प्रे करने के लिए माइक्रोनीयर है, लेकिन इनकी संख्या कम है। वर्तमान में बीकानेर के रणजीतपुरा, बज्जू, खाजू बाड़मेर के गडरा रोड, म्याजलान और जैसलमेर के कुछ हिस्सों में एलडब्ल्यूओ की 45 टीमें लगातार टिड्डी मारने के लिए स्पे्र कर रही हैं। अब तक 2.27 लाख हेक्टेयर में टिड्डी नियंत्रण के लिए 1.66 लाख लीटर पेस्टिसाइड का उपयोग हो चुका है। हवा की गति मंद होने से पेस्टिसाइड अधिक स्प्रे करना पड़ रहा है। कई जगह टिड्डी फसलें चट कर गई है। यही हालत पाकिस्तान की है।
एफएओ के मुताबिक वर्तमान में भारत व पाकिस्तान के अलावा यमन और इथोपिया में टिड्डी को लेकर खराब स्थिति है। अक्टूबर में अब पश्चिमी विक्षोभों से बरसात शुरू होने पर नवम्बर की शुरुआत में टिड्डी पाकिस्तान के पश्चिमी व दक्षिण पश्चिमी हिस्से, इरान, सऊदी अरब की तरफ जाएगी। इरान में बरसात का दौर शुरू होने पर वहां टिड्डी की स्थिति विकट हो सकती है। भारत में सर्दी के कारण टिड्डी पीछे हटेगी। यमन में अच्छी बारिश के कारण वहां भी बढ़ेगी। साइक्लोन हिक्का के कारण मध्य ओमान में भी टिड्डी दल तैयार हो रहे हैं।
देश ———– नियंत्रण हेक्टेयर में
भारत ———– 84639
पाकिस्तान ———–30210
इथोपिया ———–4636
सऊदी अरब ———– 4195
यमन ———– 245 ‘टिड्डी दल लगातार आ रहे हैं और हम लगातार खत्म भी कर रहे हैं। पाकिस्तान के साथ बैठक में ताजा हालात की समीक्षा की जाएगी।’
डॉ. केएल गुर्जर, उप निदेशक, टिड्डी चेतावनी संगठन जोधपुर