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Ganesh Chaturthi 2022: जोधपुर में 117 साल पहले महाराष्ट्र समाज ने शुरू किया था गणपति महोत्सव, जानें पूरी जानकारी

Maharashtra samaj jodhpur : 116 साल से केवल इॅको फ्रेण्डली मूर्ति का ही करते है पूजन

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Ganesh Chaturthi 2022: जोधपुर में 117 साल पहले महाराष्ट्र समाज ने शुरू किया था गणपति महोत्सव, जानें पूरी जानकारी

Ganesh Chaturthi 2022: जोधपुर में 117 साल पहले महाराष्ट्र समाज ने शुरू किया था गणपति महोत्सव, जानें पूरी जानकारी

जोधपुर. जोधपुर में 117 साल पूर्व रेलवे, रक्षा, चिकित्सा, प्रशासन, विज्ञान, संगीत व शिक्षा के क्षेत्र में सेवाएं देने वाले महाराष्ट्र समाज के लोगों ने मिलकर 1904 में पहली बार गणपति उत्सव मनाया था। धीरे - धीरे जोधपुर में रहने वाले अन्य मराठी परिवार मिलजुल कर सामूहिक रूप से गणेश उत्सव प्रमुखता से मनाने लगे थे। महाराष्ट्र के विभिन्न सांस्कृतिक और धार्मिक उत्सव को सुव्यवस्थित करने के लिए 1904 में सबसे पहले महाराष्ट्र समाज का गठन किया गया ।

नाना पाटेकर भी शामिल हो चुके है महोत्सव में

वर्ष 1962 में समाज का विधिवत पंजीयन के बाद 1963 में शास्त्रीनगर डी सेक्टर में समाज के सहयोग से भूखंड खरीदकर भवन का निर्माण किया गया। महाराष्ट्र समाज जोधपुर की ओर से मनाए गए गणपति महोत्सव व सांस्कृतिक कार्यक्रम में पूर्व राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल, अभिनेता नाना पाटेकर, सुलभा देशपांडे , बसंत साठे, सुधाकर नाईक सहित बॉलीवुड से जुड़े कई कलाकार शिरकत कर चुके हैं । गणेश उत्सव अपने नाम के अनुरूप केवल मराठी परिवारों तक सीमित न रहकर सार्वजनिक रूप से किया जाता रहा है।

पूरे जिले में केवल महाराष्ट्र भवन में गूंजते थे बप्पा के जयकारे

तीन दशक पूर्व गणपति महोत्सव में बप्पा के जयकारे केवल महाराष्ट्र समाज में ही सुनाई देते थे लेकिन अब िस्थति में बदलाव हो चुका है। पूरे जोधपुर जिले में केवल महाराष्ट्र समाज की ओर से ही गणेश उत्सव मनाया जाता था । अब गणेश चतुर्थी को हर मोहल्ले कॉलोनी व घरों में मूर्ति स्थापित की जाती है। महाराष्ट्र समाज में शुरुआत से ही इॅको फ्रेण्डली गणपति मूर्ति स्थापित की जाती रही है।-रविकांत गुंठे , समाज के संरक्षक (पूर्व विभागाध्यक्ष मनोविज्ञान विभाग जेएनवीयू )

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केवल विसर्जन परम्परा में भी बदलाव

जोधपुर महाराष्ट्र समाज जोधपुर जिले का सबसे पुराना गणपति उत्सव मनाने वाला समाज है। गणपति मूर्ति का विसर्जन सिवांचीगेट शिवदत्त गढ़ी जलाशय में किया जाता था लेकिन पर्यावरण की दृष्टि से अब समाज में ही कृत्रिम जलकुण्ड बनाकर किए जाने लगा है। इस वर्ष 31 अगस्त से 9 सितम्बर तक 117 वें सार्वजनिक गणेश उत्सव में इॅको फ्रेण्डली मूर्ति ही स्थापित की जाएगी। उत्सव में 1 सितम्बर को स्मिता माहुरकर का मराठी एकपात्री नाट्य, 2 व 3 सितम्बर को हिन्दी नाटक, 4 सितम्बर को आपला दिवस, 6 व 7 सितम्बर को मराठी नाटक का मंचन किया जाएगा। सुबह 11 बजे व शाम 8 बजे बप्पा की आरती होगी।-अजय सोहोनी, सचिव महाराष्ट्र समाज जोधपुर