क्या था मामला पीएलवी योगेश कुमार माहेश्वरी ने पत्रिका को बताया की जंजीरों से जकड़ा मानसिक विक्षिप्त खुमानसिंह उर्फ खुमाना एक झोपे में लंबे अर्से से भूखा प्यासा नारकीय जिदगी जी रहा था। वर्ष 1998 मे खुमाना की मानसिक स्थिति बिगडने के बाद परिजनो ने उसका ईलाज गुजरात , जोधपुर सहित कई अस्पतालों में भी करवाया । कुछ वर्षों तक खुमाना का स्वास्थ्य ठीक रहा किन्तु 2005 में फिर से उसका दिमागी संतुलन बिगड़ गया। उसके परिवार में माता मथुरा व पिता सगत सिंह दोनों ही आर्थिक रूप से कमजोर व शारीरिक रूप से असक्षम है। आर्थिक स्थिति ठीक नहीं होने से मानसिक रोगी का ईलाज नहीं हो पा रहा है । राजस्थान उच्च न्यायालय विधिक सेवा समिति के निर्देश के बाद मंगलवार को 108 एम्बूलेंस में पुलिस के माध्यम से खुमाना को एमडीएम में भर्ती कराया गया।