खनन कार्य नहीं, फिर भी अस्तित्व में खनन पट्टे
- 20 प्रतिशत खनन पट्टों में नहीं हो रहा खनन
- 6 माह बाद खनन पट्टा खण्डि़त करने का प्रावधान
- विभाग नहीं कर रहा कार्यवाही

जोधपुर।
जोधपुर में कई खनन पट्टे एेसे है, जिनमें खनन कार्य नहीं हो रहा है, फिर भी, उन खनन पट्टों को खण्डि़त नहीं किया गया है। विभाग का यह नियम है कि जिन खनन पट्टो में खनन कार्य नहीं हो रहा है उन्हें नोटिस जारी कर खनन पट्टा खण्डि़त करने की कार्यवाही की जाती है। कार्यवाही के नाम पर विभाग की ओर से पट्टाधारकों को नोटिस तो जारी कर दिए गए। उन पर कार्यवाही नहीं की जा रही है क्योंकि उन खनन पट्टों में विभाग में कार्यरत अधिकारियों-कर्मचारियों के रिश्तदारों, परिचितों व भागीदारों के खनन पट्टे भी इस श्रेणी में आते है। विभाग की ओर से यह प्रावधान किया गया है कि खनन कार्य बंद रहने पर ६ माह बाद खनन पट्टा खण्डि़त करना होता है।
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20 प्रतिशत में नहीं हो रहा खनन
जोधपुर में 400 से अधिक खनन पट्टे स्वीकृत है। इनमें से करीब 20 प्रतिशत खनन पट्टों में खनन कार्य नहीं हो रहा है।जोधपुर के बोरून्दा, करवड़, कांकाणी, बालेसर, बिलाड़ा, सूरसागर, काली बेरी, भूरी बेरी आदि क्षेत्रों में खनन पट्टें संचालित हो रहे है। खनन पट्टे का क्षेत्र न्यूनतम 1 हैक्टेयर में होता है व इससे इससे कम क्षेत्र में विकसित होने वाले क्वारी लाइसेंस कहलाते है।
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कइयों ने ऑनलाइन 'रवानाÓ जारी नहीं किया
कई खानधारकों ने करीब डेढ साल से माल का आनलाइन 'रवानाÓ तक जारी नहीं किया है। 'रवानाÓ खान से निकलने वाले खनिज की अधिकृत जानकारी होती है। जिसमें माल का वजन, बेचने वाले का नाम, जिस गाड़ी में माल जाएगा उसका नम्बर आदि अंकित होते है।
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सरकार को नुकसान
खनन पट्टों में खनन कार्य नहीं होने से सरकार को भी नुकसान हो रहा है। सरकार को रॉयल्टी के रूप में मिलने वाले लाखें रुपयों का नुकसान हो रहा है। अगर यह खनन पट्टें विभाग द्वारा खण्डि़त कर अन्य को आवंटित कर दिए जाए तो विभाग को करोड़ों रुपयों की आय हो सकती है।
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निरस्त किए जा रहे है
जिन खनन पट्टों में नियमानुसार खनन कार्य नहीं हो रहा है, उनको निरस्त किया जा रहा है। अभी भी काफी एेसे खनन पट्टें है जिनमें खनन कार्य नहीं हो रहा है। उनको भी बंद कर आगे आवंटन की कार्यवाही की जाएगी।
श्रीकृष्ण शर्मा, माइनिंग इंजीनियर
जोधपुर
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