किला रोड महादेव अमरनाथ के पं कमलेशकुमार दवे के अनुसार, इस बार वृषभ राशि में गोचर कर रहे गुरु और शुक्र के साथ सूर्य रहने से त्रिग्रही योग भी बनेगा। करीब 24 वर्ष बाद नौतपा की अवधि में गुरु और शुक्र दोनों ग्रह अस्त भी रहेंगे। सूर्य 25 मई की सुबह 3:15 बजे रोहिणी नक्षत्र में प्रवेश करेगा और 8 जून तक यहीं रहेगा। 8 जून के बाद यह मृगशिरा नक्षत्र में चला जाएगा।
पहले 9 दिन सर्वाधिक गर्मी वाले
पं अचलेश्वर ओझा के अनुसार, चंद्र रोहिणी नक्षत्र के स्वामी हैं, जो शीतलता का कारक हैं, परंतु इस समय वे सूर्य के प्रभाव में आ जाते हैं। जब सूर्य रोहिणी नक्षत्र में 15 दिनों के लिए आता है, तो इन 15 दिनों के पहले नौ दिन सर्वाधिक गर्मी वाले होते हैं। इन्हीं शुरुआती नौ दिनों को नौतपा के नाम से जाना जाता है।
मानसून का गर्भकाल
सूर्य की गर्मी और रोहिणी के जल तत्व के कारण यह मानसून का गर्भ आ जाता है। इसी कारण नौतपा को मानसून का गर्भकाल माना जाता है।