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POLLUTION–जोजरी में प्रदूषण फैलाने वाली इकाइयों पर एनजीटी और हुई सख्त

locationजोधपुरPublished: Jan 27, 2021 10:46:06 pm

Submitted by:

Amit Dave

 
– एसटीएफ को किया निरस्त, बनाई उच्च स्तरीय मॉनिटरिंग कमेटी
– अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक स्तर सहित 25 से अधिक पुलिसकर्मी थे एसटीएफ में
– मई 2019 में हुआ था गठन

POLLUTION--जोजरी में प्रदूषण फैलाने वाली इकाइयों पर एनजीटी और हुई सख्त

POLLUTION–जोजरी में प्रदूषण फैलाने वाली इकाइयों पर एनजीटी और हुई सख्त

जोधपुर।

नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) जोजरी व आसपास की सहायक नदी-नालों में केमिकलयुक्त पानी छोडऩे वाली व प्रदूषण फैलाने वाली टेक्सटाइल, स्टील अन्य इकाइयों पर और सख्त कदम उठाया है। एनजीटी ने प्रदूषण पर नियंत्रण के लिए उच्च स्तरीय मॉनिटरिंग कमेटी बनाई है, जो प्रदूषण फैलाने वाली इकाइयों पर सख्त नजर रखेगी। वहीं एनजीटी ने स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) को निरस्त कर दिया है। एनजीटी के आदेश के बाद अब जोजरी में प्रदूषण फैलाने वाली इकाइयों पर एसटीएफ कार्यवाही नहीं करेगी।

मॉनिटरिंग कमेटी बनाई

एनजीटी ने गत 23 नवम्बर को एसटीएफ की जगह झारखण्ड हाईकोर्ट के पूर्व मुख्य न्यायाधीश प्रकाशचंद्र टाटिया की अध्यक्षता में मॉनिटरिंग कमेटी बनाने के आदेश दिए। जिसमें केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण मण्डल, राजस्थान राज्य प्रदूषण नियंत्रण मण्डल, जोधपुर कलक्टर, बाड़मेर कलक्टर, बिट्स पिलानी के डीन प्रोफेसर एपीसिंह को सदस्य बनाया गया है। यह कमेटी जस्टिस टाटिया के नेतृत्व में जोजरी व आसपास की सहायक नदियों में प्रदूषण मामले में एनजीटी के आदेशों को सुनिश्चित करने का कार्य करेगी व एनजीटी को रिपोर्ट पेश करेगी।

डेढ़ साल पहले हुआ गठन

एनजीटी ने 17 मई 2019 को सुनवाई के दौरान राज्य के पुलिस महानिदेशक को जोजरी नदी में प्रदूषण की समस्या समाधान के लिए एसटीएफ बनाने के निर्देश दिए थे। एनजीटी ने एसटीएफ को जोजरी नदी व नालों में इकाइयों का गंदा पानी डालते मिलने पर फैक्ट्री मालिक के खिलाफ कार्यवाही करने, गंदा पानी डालने के लिए उपयोग वाहन को सीज करने व सीज वाहन को एनजीटी के आदेश के बिना नहीं छोडऩे के आदेश दिए थे।

इसलिए किया एसटीएफ का गठन

कॉमन एफ्लूएंट ट्रीटमेंट प्लांट (सीइटीपी) द्वारा फैक्ट्रियों से निकलने वाले पानी को बिना उपचारित किए नदी-नालों में छोडऩे व इस गंदे पानी से लोगों में बीमारियां फैलने की समस्या समाधान होने की स्थिति में एनजीटी ने एसटीएफ के गठन का विचार किया। एसटीएफ को फैक्ट्रियों की जांच के अलावा, उनके खिलाफ कानूनी कार्यवाही के भी अधिकार दिए गए।

एसटीएफ में 25 से अधिक का स्टाफ था

एसटीएफ में एक अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक, 4 सब इंस्पेक्टर, 3 हैड कांस्टेबल, 21 कांस्टेबल के अलावा 2 वाहन व 6 ड्राइवर्स की टीम गठित की गई। जो 24 घंटे में 3 पारियों में काम कर रही थी।

मण्डल मुख्यालय के आदेश पर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक व गृह सचिव को जोधपुर में कार्यरत एसटीएफ को कार्यमुक्त का अनुरोध किया गया है।

अमित शर्मा, क्षेत्रीय अधिकारी

राजस्थान राज्य प्रदूषण मण्डल जोधपुर
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