निमाज हवेली प्रकरण : राजनीतिक ‘आंच’ पर सिकी है अतिक्रमण हटाने की ‘रोटियां’
- भाजपा पार्षद दल भी अब मामले में आरोप लगाते उतरे जांच में
- कई सवाल खड़े

जोधपुर।
निमाज हवेली परिसर में अतिक्रमण कार्रवाई को लेकर खड़ा हुआ विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। अब पड़ताल में सामने आया है कि राजनीतिक हस्तक्षेप भी इस कार्रवाई में भरपूर था। जर्जर हिस्से की बजाय दूसरा हिस्सा तोडऩा और साथ ही निजी जेसीबी का पहुंचना जैसे कई सवाल खड़े होते हैं। उत्तर निगम के भाजपा पार्षद भी इस प्रकरण में जांच करवाने की मांग करने पहुंचे। यह सवाल जो जवाब मांगते हैं।
- निमाज हवेली के किस भाग को गिराना है उसका स्पष्ट आदेश क्यों नहीं निकाला गया?
- कार्रवाई से पहले संबंधित को क्यों पूरी जानकारी व एहतियात बरती गई।
- सरकारी कार्रवाई व भारी पुलिस लवाजमे के बीच निजी लोग व मशीनरी कैसे आ गई, जिससे विवादित हिस्सा गिराया गया?
- किस राजनीतिक पहुंच के कारण इस पूरे मामले को दबाया जा रहा है?
पार्षदों ने किया घेराव
उत्तर महापौर कुंती देवड़ा परिहार का घेराव करते हुए भाजपा पार्षदों ने आरोप लगाए कि निगम टीम जब कार्रवाई कर रही थी तो अन्य बाहरी लोग वहां आए और कुछ हिस्से को गिराया। लेकिन उन पर कार्रवाई नहीं हो रही। पार्षदों ने इसमें एक बड़े नेता के शामिल होने और साजिश पूर्वक हिस्से को गिराने का आरोप लगाते हुए पूरे मामले की जांच करवाने की मांग की है। इस मौके पर संगीता सोलंकी, सुरेश जोशी, राजेशसिंह कच्छवाह, लक्ष्मीनारायण सोलंकी, धनराज मकवाना सहित अन्य मौजूद थे।
इनका कहना है...
पिछले सात-आठ साल से जर्जर हिस्सा था। पहले भी नोटिस इश्यू हुआ था। अतिक्रमण टीम का यह कहना था कि गिराने वे गए, लेकिन प्राइवेट लोगों ने गिरा दिया। निलंबन इसलिए किया क्योंकि प्रोसेस फॉलो नहीं हुआ। वह ऑर्डर भी ठीक नहीं निकला था। कार्रवाई क्या होनी थी और क्या हुई इसकी जांच करेंगे, प्रशिक्षु आइएएस को जांच दी गई है।
- रोहिताश्व तोमर, आयुक्त, उत्तर नगर निगम।
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