पिछले विधानसभा चुनाव के समय न्याज ने जोधपुर के सूरसागर विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस का टिकट मांगा था। तब वे तत्कालीन मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के नजदीकी माने जाते थे। जब वे भाजपा में शामिल हुए थे, तब वे कांग्रेस में उभरते हुए नेता और पार्टी का मुस्लिम चेहरा माने जाते थे। उप महापौर रहते हुए न्याज की कांग्रेस के निगम बोर्ड में तत्कालीन महापौर रामेश्वर दाधीच से तनातनी रहती थी। जोधपुर के घंटाघर की दशा सुधरवाने के लिए उन्होंने कांग्रेस की सरकार और कांग्रेस का बोर्ड होते हुए आंदोलन किया था। उन्हें कांग्रेस से भाजपा में शामिल करवाने में लाइट एंड साउंड रामलीला शो के आयोजक व सुशीलदास महाराज की बड़ी भूमिका रही थी। महाराज वसुंधरा राजे के नजदीकी माने जाते रहे हैं। कांग्रेस में हमेशा सक्रिय रहने वाले न्याज मोहम्मद का भाजपा में जाना कांग्रेस के लिए एक बड़ा झटका था।
बिजानी ने रथ से उतारा था
भाजपा में शामिल होने के कुछ दिन बाद ही वे सांसद निर्वाचित होने के बाद गजेंद्रसिंह शेखावत के विजय जुलूस के रथ में उनके साथ सवार हुए तो भाजपा नेता और नगर निगम में प्रतिपक्ष के तत्कालीन नेता गणेश बिजानी ने उन्हें रथ से उतरवा दिया था। तब बिजानी का कहना था कि वे अभी भाजपा में शामिल हुए हैं और उन्हें केवल एक सामान्य कार्यकर्ता की तरह रहना चाहिए। इसके बाद भाजपा में शामिल होने के बाद न्याज पार्टी के किसी मंच पर कभी कहीं भी सक्रिय नजर नहीं आए। तब से अब तक उन्हें भाजपा के पार्टी के किसी मंच पर नहीं देखा गया।
भाजपा में शामिल होने के कुछ दिन बाद ही वे सांसद निर्वाचित होने के बाद गजेंद्रसिंह शेखावत के विजय जुलूस के रथ में उनके साथ सवार हुए तो भाजपा नेता और नगर निगम में प्रतिपक्ष के तत्कालीन नेता गणेश बिजानी ने उन्हें रथ से उतरवा दिया था। तब बिजानी का कहना था कि वे अभी भाजपा में शामिल हुए हैं और उन्हें केवल एक सामान्य कार्यकर्ता की तरह रहना चाहिए। इसके बाद भाजपा में शामिल होने के बाद न्याज पार्टी के किसी मंच पर कभी कहीं भी सक्रिय नजर नहीं आए। तब से अब तक उन्हें भाजपा के पार्टी के किसी मंच पर नहीं देखा गया।
एेसा माना गया कि न्याज को भाजपा में तवज्जो नहीं मिली। अय्यूब खां के प्रचार में उपयोगी राजनीतिक प्रेक्षकों का मानना है कि अब राजस्थान विधानसभा चुनाव से कुछ दिन पहले वे कांग्रेस में लौट आए हैं। अब जबकि कांग्रेस में टिकट व नामांकन प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। उन्हें टिकट का तो लाभ नहीं मिलेगा, अलबत्ता कांग्रेस जोधपुर के सूरसागर विधानसभा क्षेत्र में मुस्लिम मतदाताआें को लुभाने और सूरसागर विधानसभा क्षेत्र से पार्टी के उम्मीदवार प्रोफेसर अय्यूब खां के चुनाव प्रचार में उनका उपयोग कर सकती है।
-इनका कहना है
न्याज मोहम्मद भाजपा के युवा कार्यकर्ता थे। उनका पार्टी में स्वागत और सम्मान किया गया था। इस तरह से आयाराम-गयाराम करना अच्छा नहीं है। इससे उनकी राजनीतिक ही नहीं व्यक्तिगत प्रतिष्ठा भी दावं पर लगी है। यह कहना गलत होगा कि उन्हें पार्टी में तवज्जो नहीं मिली। क्योंकि जब जनरल वीके सिंह जोधपुर आए थे तो मैं उन्हें न्याज मोहम्मद के घर ले कर गया था। मैं खुद दो तीन बार उनके घर गया था और उन्हें पार्टी के कार्यक्रमों में भी आमंत्रित किया था, लेकिन वे आए ही नहीं।
– देवेंद्र जोशी शहर जिलाध्यक्ष, भाजपा जोधपुर
न्याज मोहम्मद भाजपा के युवा कार्यकर्ता थे। उनका पार्टी में स्वागत और सम्मान किया गया था। इस तरह से आयाराम-गयाराम करना अच्छा नहीं है। इससे उनकी राजनीतिक ही नहीं व्यक्तिगत प्रतिष्ठा भी दावं पर लगी है। यह कहना गलत होगा कि उन्हें पार्टी में तवज्जो नहीं मिली। क्योंकि जब जनरल वीके सिंह जोधपुर आए थे तो मैं उन्हें न्याज मोहम्मद के घर ले कर गया था। मैं खुद दो तीन बार उनके घर गया था और उन्हें पार्टी के कार्यक्रमों में भी आमंत्रित किया था, लेकिन वे आए ही नहीं।
– देवेंद्र जोशी शहर जिलाध्यक्ष, भाजपा जोधपुर