एनएलयू जोधपुर की सर्वोच्च नियामक संस्था एग्जीक्यूटिव काउंसिल है। राजस्थान विधानसभा की ओर से पारित विधेयक को एग्जीक्यूटिव काउंसिल में रखकर केवल पास करना था, लेकिन एनएलयू ने दिल्ली हाईकोर्ट की पूर्व जज जस्टिस मंजू गोयल की एक सदस्य कमेटी गठित कर 2 साल तक मामले को लटकाए रखा। एक साल कोरोना के नाम पर मामला लटक गया। एनएलयू जोधपुर की स्थापना 1999 में हुई थी।
एनएलयू का नाम———राज्य ——— सीटें आरक्षित
हैदराबाद ——— तेलंगाना ——— 25
भोपाल ——— मध्यप्रदेश ———51
कोलकाता ———पं बंगाल———38
रायपुर ———छतीसगढ़ ——— 106
गांधनगर ———गुजरात ———39
लखनऊ ———उत्तरप्रदेश ——— 80
पंजाब ——— पंजाब ———19
पटना ——— बिहार ——— 66
कोच्चि ———केरल ———11
उड़ीसा——— उड़ीसा ———39
रांची ———झारखण्ड——— 60
असम ——— असम ———34
विशाखापट्टनम———आंधप्रदेश———69
तिरुचिरापल्ली——–तमिलनाडू ———57
मुंबई ——— महाराष्ट्र ———63
नागपुर ——— महाराष्ट्र ———62
औरंगाबाद———महाराष्ट्र ——— 37
शिमला ———हिमाचल प्रदेश———30
जबलपुर ——— मध्यप्रदेश ———72
सोनीपत ——— हरियाणा ———24
एनएलयू जोधपुर का दीक्षांत समारोह रविवार सुबह 10 बजे वर्चुअल तरीके से आयोजित किया जाएगा। राजस्थान हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस इंद्रजीत महांती मुख्य अतिथि होंगे। ……………………….
‘एग्जीक्यूटिव काउंसिल ने कहा कि उसे जस्टिस गोयल की रिपोर्ट पर अध्ययन के लिए कुछ समय चाहिए।’
सोहनलाल शर्मा, रजिस्ट्रार, एनएलयू जोधपुर