जोधपुर को बिना किसी बड़े बजट बनाएंगे नो-डस्ट जोन
- फुटपाथ, सडक़, डिवाइडर, सर्किल और पार्क मरम्मत के लिए सौंपा जाएगा प्लान
- अजा से सभी विभाग सौंपेंगे कार्ययोजना
- विभागों के मुख्यालय से भी मांगी सहायता

जोधपुर.
कोई बड़ा बजट नहीं, किसी प्रकार के बड़े टैंडर या डीपीआर नहीं। बस छोटे-मोटे सुधार और शहर की सुंदरता को निखारने की कवायद। साथ ही पांच पॉइंट पर सभी विभाग मिलकर काम करेंगे। संभागीय आयुक्त डॉ. समित शर्मा ने यह प्लान बीते दिनों की बैठकें व फील्ड विजिट के दौरान बनाया है। इस संबंध में आदेश भी जारी किए गए। खास बात यह है कि आगामी सप्ताह में सभी विभाग अपने-अपने पॉइंट का एक्शन प्लान भी प्रस्तुत करना है। शहर को ‘नो-डस्ट जोन’ बनाने की भी कवायद है।
बैठकें व विजिट
नगर निगम, जेडीए, पीडब्ल्यूडी, एन.एच, वन विभाग सहित अन्य विभागों के अधिकारियों की दो दिन तक लगातार बैठक हुई। फील्ड विजिट हुआ। एक बार अधिकारियों के साथ बाकी स्वयं भी अकेले। सोमवार से विभाग एक्शन प्लान देंगे और इसी माह से काम भी शुरू होगा। 30 अक्टूबर को यह काम पूरा करने के टारगेट हैं।
ये हैं विकास के 5 पॉइंट
1. फुटपाथ: मलबा मिटटी हटाना, इंटरलॉकिंग रिपेयरिंग, 20 फीट की दूरी पर प्लांटेशन, रेजीडेंसी रोड व सरकारी आवासों के बाद फुटपाथ पर पेड़ लगाना। अतिक्रमण हटाना।
2. सडक़: पेचलेस रोड हो, मिसिंग लिंक कार्य पूरा हो, लेन मार्र्किंग, जेब्राकॉस, कैटआई व ट्रेफिक लाइट सुचारु हो।
3. डिवाइडर: खुदाई करवा बीच में प्लांटेशन, जयपुर व दिल्ली की तर्ज पर बड़े पेड भी लगे। रेलिंग लगे और कर्व स्टोन की मरम्मत हो।
4. चौराहा या सर्किल: सर्किल डिजाइन ट्रेफिक के अनुरूप, प्लांटेशन हो। आखलिया चौराहा, भाटी चौराहा, रातानाडा बाजार सर्किल, कबीर चौराहा व आठ खम्भा चौराहा की स्थिति सुधारेंगे।
5. पार्क व सौंदर्यीकरण: सभी विभाग पार्क सूची देंगे, कॉलोनाइजर्स के पार्क डवलपमेंट कार्य का लेखा-जोखा पेश होगा। पार्क रखरखाव के लिए स्थानीय लोग जुड़ें।
नो-डस्ट जोन
बाउंड्री वाल से लेकर दूसरे छोर तक नो डस्ट जोन होना चाहिए। यानि नगर निगम के कर्मचारी सफाई तो कर रहे हैं, लेकिन यहां भी सडक़ किनारे ढेर या डस्ट पड़ी है उसे स्थाई रूप से नहीं हटाया जा रहा है। इस पर ध्यान देना होगा।
विभागीय मुख्यालयों से समन्वय
पीडब्लूडी, यूडीएच के साथ एनएचएआई के दिल्ली मुख्यालय व पीडब्ल्यूडी मुख्यालय से समन्वयक कर वहां से थोड़ा बजट जारी करवाया जाएगा। जिससे कि आगामी दो माह में इन छोटे कार्यों पर काम हो सके।
इनका कहना है....
एक रूपरेखा बनाई है, ताकि शहर का स्वरूप निखरें। इस पर काम भी शुरू कर दिया है। लेकिन इसमें जनता का जुडऩा भी बहुत जरूरी है। सिर्फ सरकारी सिस्टम से बदलाव नहीं हो सकता।
- डॉ. समित शर्मा, संभागीय आयुक्त, जोधपुर।
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