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ऱाजस्थान के ‘सरताज की सुरक्षा के लिए नहीं पूरा स्टाफ

locationजोधपुरPublished: Jun 18, 2021 10:41:40 am

Submitted by:

Nandkishor Sharma

 
राज्य पक्षी गोडावण के संरक्षण पर हो चुके करोड़ों खर्च

ऱाजस्थान के 'सरताज की सुरक्षा के लिए नहीं पूरा स्टाफ

ऱाजस्थान के ‘सरताज की सुरक्षा के लिए नहीं पूरा स्टाफ

NAND KISHORE SARASWAT

जोधपुर. राजस्थान के राज्य पक्षी ग्रेट इंडियन बस्टर्ड गोडावण की सुरक्षा के लिए पिछले लंबे समय से आधा अधूरा स्टाफ ही तैनात है। डेजर्ट नेशनल पार्क में वन्यजीवों की सुरक्षा के लिए स्वीकृत वनरक्षक पदों में से करीब 50 प्रतिशत स्टाफ ही कार्यरत है। विश्व के अति संकटग्रस्त पक्षी गोडावण सहित कई दुर्लभ वन्यजीवो की आश्रय स्थली डेजर्ट नेशनल पार्क लगभग 3162 वर्ग किलोमीटर में बाड़मेर एवं जैसलमेर जिले में फैला है जिसकी सुरक्षा आधी अधूरी है। इस पार्क के विभिन्न स्थानों में निर्मित 67 क्लोजर भी लगभग 17025 हेक्टर क्षेत्रफल में स्थित है ।
52 पद रिक्त

डेजर्ट नेशनल पार्क में लगभग 32 प्रकार के स्तनधारी, 113 प्रकार के पक्षी, 39 प्रकार सर्प व सरिसृप विचरण करते है। पधिच्मी राजस्थान की सेंचुरी में वन्यजीवों की सुरक्षा के लिए विभिन्न पदों के कुल 119 पद स्वीकृत है लेकिन वर्तमान में 67 पदों पर कार्मिक कार्यरत है और 52 पद रिक्त पड़े है।
सरताज की संख्या भी दो अंक में करीब चार दशक पूर्व जैसलमेर के रेगिस्तान में सम, सुदाश्री, फुलिया, म्याजलार, खुड़ी, सत्तो आदि क्षेत्र में राजस्थान के ‘सरताजÓ पक्षी गोडावण की संख्या करीब 1260 थी जो घटकर मात्र दो अंको तक जा पहुंची है। पवन चक्कियों की अंधाधुंध स्थापना सहित बस्टर्ड विचरण स्थलों पर फैलता बिजली के तारों का जाल दुर्लभ पक्षी के लिए अकाल मौत का कारण बनता जा रहा है। यही कारण है कि हाल ही में सर्वोच्च न्यायालय ने गोडावण को बचाने के लिए ट्रांसमिशन लाइनों को भूमिगत करने को कहा है ।
करोड़ों रुपयों पर फिर सकता है पानी

राज्य पक्षी गोडावण सहित अन्य दुर्लभ व संकटग्रस्त वन्यजीवों की सुरक्षा एवं वन्यजीव प्रबन्धन के लिए डेजर्ट नेशनल पार्क में सुरक्षा स्टाफ की कमी होना चिन्ता का विषय है। स्टाफ की कमी से ग्रेट इंडियन बस्टर्ड गोडावण को बचाने पर किए जा रहे करोड़ों रुपयों पर पानी फिर सकता है।
डॉ हेमसिंह गहलोत, सदस्य स्थाई समिति, राजस्थान राज्य वन्यजीव बोर्ड

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