तत्काल प्रभाव से रोकने के निर्देश उम्मेद स्टेडियम के चारों तरफ ईद उल अजहा पर भेड़-बकरों की खरीद-फरोख्त के लिए कथित अवैध पशु मंडी पर रोक लगाने को लेकर दायर जनहित याचिका की सुनवाई करते हुए मुख्य न्यायाधीश एस.रविंद्र भट्ट और न्यायाधीश दिनेश मेहता की खंडपीठ ने नगर निगम और यातायात पुलिस को मुख्य हाईकोर्ट रोड सहित इसे जोडऩे वाली उम्मेद स्टेडियम के समानांतर दो सडक़ों पर ऐसी गतिविधियां तत्काल प्रभाव से रोकने के निर्देश दिए। हालांकि, केवल इस साल अपवाद स्वरूप स्टेडियम मैदान के दक्षिण, स्टेडियम सिनेमा के उत्तर तथा पब्लिक पार्क के पूर्व में स्थित 400 फीट गुणा 145 फीट भाग में ही बकरा मंडी संचालित करने की अनुमति दी गई है।
वैकल्पिक स्थान विकसित करने के लिए कहा कोर्ट ने राज्य सरकार को ऐसे आयोजनों के लिए अलग से वैकल्पिक स्थान विकसित करने के लिए कहा है। अगली सुनवाई 2 सितंबर को इस संबंध में योजना पेश करने के निर्देश दिए गए हैं, जिनमें पशुवधशालाओं के संबंध में भी सरकार को अपना पक्ष रखना होगा। पुरुषोत्तम अग्रवाल की ओर से दायर जनहित याचिका के तहत अधिवक्ता मोतीसिंह ने एक प्रार्थना पत्र पेश करते हुए अवैध पशु बिक्री मेलों पर रोक लगाने की मांग की थी।
बकरा मंडी में कोई शिफ्ट नहीं हुआ
अधिवक्ता ने कहा कि वर्ष 2013 में अधिसूचित जोधपुर के मास्टर प्लान में चौखा में बकरा मंडी के लिए अलग से भूमि आरक्षित की गई है। यह भूमि नगर निगम सीमा से बाहर स्थित है, लेकिन अब तक बकरा मंडी को वहां पर शिफ्ट नहीं किया गया है। उन्होंने कहा कि बकरीद के मौके पर हर साल आखलिया चौराहा व ओल्ड स्टेडियम के पास हजारों की संख्या में भेड़-बकरों की बिक्री होती है, इसके लिए संबंधित प्राधिकारी से कोई अनुमति नहीं ली जाती।
प्रावधानों की भी अनदेखी उन्होंने कोर्ट में कहा कि नगर निगम सीमा में इस तरह के अवैध पशु मेलों के विनियमन का कोई प्रयास आज तक नहीं किया गया है। सडक़ों पर पशुओं की भीड़ होने से यातायात प्रभावित होता है। प्रिवेंशन ऑफ क्रुअलिटी टू एनिमल्स एक्ट के प्रावधानों की भी अनदेखी की जा रही है। राज्य सरकार की ओर से अतिरिक्त महाधिवक्ता करणसिंह राजपुरोहित ने कोर्ट को बताया कि चौखा में भूमि चिह्नित की गई है, लेकिन ईद में कम समय रहने के चलते इस साल अस्थायी बकरा मंडी को अनुमति दी जाए। अगले साल से यातयात में बाधा नहीं होने दी जाएगी। याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने वस्तुस्थिति बताने के लिए कोर्ट में फोटो पेश किए, जिस पर खंडपीठ ने नाराजगी जताते हुए कहा कि सौ फीट चौड़ी सडक़ पर इस तरह की गतिविधियां अनुज्ञेय नहीं की जा सकतीं। कोर्ट ने सरकार को कुछ देर की मोहलत देते हुए विकल्प बताने को कहा।
कोर्ट संतुष्ट नहीं, अचानक निरीक्षण करवाया
भोजनावकाश के बाद दुबारा सुनवाई शुरू होने पर अतिरिक्त महाधिवक्ता ने बताया कि यातायात को सुचारु कर दिया गया है और बकरा मंडी को व्यवस्थित किया जा रहा है। जबकि याची के अधिवक्ता ने कहा कि हालात अब भी बदतर है। खंडपीठ को इस पर टिप्पणी करनी पड़ी कि ज्यादा दूरी नहीं है, हम खुद निरीक्षण कर सकते हैं। यदि सरकार के दावे में झूठ सामने आया तो पुलिस कमिश्नर और निगम कमिश्नर के खिलाफ अवमानना की कार्रवाई शुरू की जाएगी। बाद में मुख्य न्यायाधीश ने अपने प्रमुख सचिव राजेन्द्र कुमार को अचानक निरीक्षण कर वस्तुस्थिति बताने को कहा।
बकरा मंडी यथावत करीब आधे घंटे बाद उन्होंने कोर्ट को बताया कि बकरा मंडी यथावत है और अब कुछ बकरों को अन्यत्र शिफ्ट किया जा रहा है। उन्होंने मोबाइल से लिए हुए फोटो भी दिखाए, जिस पर कोर्ट ने नाराजगी प्रकट की। ईद में कम समय देखते हुए खंडपीठ ने फिलहाल तीन सडक़ों को व्यवधान रहित करने को कहा है, लेकिन भविष्य के लिए स्थायी व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं।
कानून व्यवस्था बिगड़ी तो कौन जिम्मेदार
याचिकाकर्ता की ओर से कहा गया कि बकरों का सार्वजनिक वध रोकने के निर्देश दिए जाएं, कोर्ट ने कहा कि याची ने ऐनवक्त पर प्रार्थना पत्र पेश किया है। अचानक ऐसे किसी निर्देश पर कानून व्यवस्था की स्थिति बनने पर कौन जिम्मेदार होगा? खंडपीठ ने याची को इस विषय पर लागू होने वाले विधिक बिंदु बाद की सुनवाई में कोर्ट की ध्यान में लाने को कहा।
निगम ने खाली कराई सडक़
नगर निगम के अतिक्रमण निरोधी दस्ते ने पुलिस की सहायता से स्टेडियम सडक़ पर लगी बकरा मण्डी को एक तरफ से खाली करा दिया। साथ ही बकरा बेचने वालों को सडक़ जाम नहीं करने के लिए पाबंद किया।