scriptपहले व्यर्थ बहता था पानी, अब दस गांवों की बुझ रही प्यास | Now thirsty thirst for ten villages | Patrika News

पहले व्यर्थ बहता था पानी, अब दस गांवों की बुझ रही प्यास

locationजोधपुरPublished: May 27, 2018 12:18:43 am

Submitted by:

Manish kumar Panwar

५ से पूर्व बने एस्केप से निकलने वाला पानी व्यर्थ बहता रहा, लेकिन अब इस पानी से दस गांवों की प्यास बुझ रही है।

Rajiv Gandhi lift canal

Rajiv Gandhi lift canal

फलोदी. राजीव गांधी लिफ्ट केनाल के मोहरां गांव स्थित पम्पिंग स्टेशन नंबर ५ से पूर्व बने एस्केप से निकलने वाला पानी कई सालों तक व्यर्थ में बहता रहा, लेकिन अब इस पानी से दस गांवों की करीब नौ हजार की आबादी की प्यास बुझ रही है। एेसे में ग्रामीणों को काफी राहत मिली है। जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग के परियोजना खण्ड के प्रयास से ऐसा संभव हो पाया है। व्यर्थ में बह रहे पानी के उपयोग की दो साल पूर्व लागू की गई यह योजना अब पूरी तरह से सफल नजर आ रही है। मलार-जोड़-हिण्डालगोल पेयजल योजना के तहत दो साल से सुचारू जलापूर्ति हो रही है।
जन स्वास्थ्य एवं अभियांत्रिकी विभाग के परियोजना खण्ड ने राजीव गांधी लिफ्ट केनाल के पम्पिंग स्टेशन नं. ५ से पूर्व बने एस्केप चैनल से रोजाना भारी मात्रा में व्यर्थ में बह रहे पानी का सदुपयोग करने के लिए मलार-जोड़-हिण्डालगोल क्षेत्रीय जल प्रदाय योजना को क्रियान्वित किया। इस योजना के तहत हिण्डाल, जोड़, मलार, रूदानगर, रिण, गोदरली, नाथ का मगरा, सियामाली, मोहरां, हाजीनगर आदि दस गांवों को जलापूर्ति हो रही है। यह योजना पिछले दो सालों से सुचारू रूप से संचालित हो रही है।
२३.८५ करोड़ हुए खर्च मलार-जोड़-हिण्डालगोल क्षेत्रीय जलप्रदाय योजना पर करीब २३.८५ करोड़ रुपए खर्च हुए थे। इसके तहत राजीव गांधी लिफ्ट केनाल के एस्केप से चैनल बनाकर व्यर्थ में बह रहे पानी को डिग्गी (आरडब्लूआर) में एकत्रित किया जाता है। योजना से जुड़े गांवों तक पानी पहुंचाने के लिए २६५ एमएल क्षमता की आरडब्लूआर, २ एमएलडी क्षमता का फिल्टर प्लांट, पम्प हाऊस बनाने के साथ करीब ५० किमी लम्बी पाइप लाइनें बिछाई हुई हैं।
इन्होंने कहा
मलार-जोड़-हिण्डालगोल जल परियोजना से जुड़े गांवों के साथ जाम्बा जलप्रदाय योजना को भी इसी डिग्गी से जलापूर्ति हो रही है। एस्केप के पानी के साथ आवश्यकता के अनुरूप अतिरिक्त पानी भी नहर से लेने की व्यवस्था की हुई है।
रविन्द्र चौधरी, अधिशासी अभियंता, जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी परियोजना, खण्ड, फलोदी।

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