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दो सैनिक बेटे जम्मू में तैनात, वृद्ध मां अंधेरे में रात बिताने को मजबूर!

locationजोधपुरPublished: Feb 23, 2019 04:12:43 pm

Submitted by:

pawan pareek

जम्मू कश्मीर की दुर्गम भौगोलिक परिस्थितियों में सीमा पर तैनात दो भारतीय सैनिक पुत्रों की मां एक वर्ष से बिना बिजली के अंधेरे में जीवन बिताने को मजबूर है।

Old mother forced to spend the night

दो सैनिक बेटे जम्मू में तैनात, वृद्ध मां अंधेरे में रात बिताने को मजबूर!

पीपाड़सिटी ( जोधपुर). जम्मू कश्मीर की दुर्गम भौगोलिक परिस्थितियों में सीमा पर तैनात दो भारतीय सैनिक पुत्रों की मां एक वर्ष से बिना बिजली के अंधेरे में जीवन बिताने को मजबूर है।

एक वर्ष पहले विद्युत वितरण निगम में पंडित दीनदयाल उपाध्याय ग्रामीण विद्युत योजना में बिजली कनेक्शन के लिए फ ाइल जमा होने के बाद भी कोई राहत नही मिल पाई है। इसको लेकर सैनिक पुत्र विद्युत निगम के चक्कर काट रहे हैं। जहां सैनिकों का सम्मान तो दूर, उन्हें सन्तोषजनक जबाब तक नहीं मिलता।


पंचायत समिति क्षेत्र के खारिया अनावास गांव की बुजुर्ग महिला चंपा देवी ने अपने घर में दीनदयाल योजना में बिजली कनेक्शन लेने की फाइल एक वर्ष पूर्व सभी औपचारिकता पूरी कर विद्युत निगम कार्यालय में जमा करवा दी थी। महिला बीपीएल चयनित भी है।
गत फरवरी 2018 में पीपाड़सिटी विद्युत निगम कार्यालय में जमा फाइल पर धूल जम गई, लेकिन कोई देखने वाला नहीं है। बुजुर्ग महिला के दो बेटे भारतीय सेना की 7 वीं और 11वीं राष्ट्रीय राइफ ल बटालियन में सेवारत हैं। दोनों जम्मू कश्मीर के उरी में पाकिस्तान सीमा पर दुर्गम स्थितियों में देश की रक्षा कर रहे हैं।
चक्कर काट रहे सैनिक बेटे
चंपा देवी के सैनिक बेटे जब भी छुट्टियों पर आते हैं, तो विद्युत निगम और प्रशासन के दफ्तरों के चक्कर लगाते हैं। आरोप है कि उन्हें कनेक्शन नहीं देने का कारण बताने की बजाय फौज में हैं तो क्या हुआ? कह कर कर्मचारी अपनी धौंस जमाने से नहीं चूकते। जबकि इस गांव में अन्य राजनीतिक संरक्षण प्राप्त ग्रामीणों को नियमों को ताक में रख कर कनेक्शन दे दिए। सैनिक परिवार के पांच आवेदन पत्रों को रद्दी में डाला हुआ है। जब अभियंता से सैनिक परिवार को कनेक्शन नहीं देने का कारण पूछा तो उनका जबाब था कि सैनिकों को कोई प्राथमिकता नहीं दी जाती। बीपीएल में फाइल भेज रखी है।
इन्होंने कहा

गांव और अन्य स्थानों पर विद्युत कार्मिक अपने हिसाब से कनेक्शन कर देते हैं, लेकिन सैनिक परिवार में कभी नियम तो कभी तकनीकी अड़ंगा डाल देते हैं।
-लादूराम नायक, सैनिक 7वीं राष्ट्रीय राइफल, भारतीय सेना
दीनदयाल योजना के लिए जोधपुर में दफ्तर है, वहीं से स्वीकृति देते हैं।
-एस के बंसल, सहायक अभियंता, पीपाड़सिटी

सैनिकों के साथ उनके परिवार का सम्मान करना और समस्या का त्वरित समाधान सभी का फर्ज है। इस मामले को मैं खुद देखूंगा।
-मदनलाल मेघवाल, मुख्य अभियंता, जोधपुर
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