मिलिट्री अस्पताल, रेलवे अस्पताल, पावटा जिला अस्पताल, महात्मा गांधी अस्पताल के अलावा निजी क्षेत्र में डऊकिया, कमला नगर अस्पताल, मारवाड़ हॉस्पीटल, मेडिसिटी हॉस्पीटल, मेडिपल्स, श्रीराम हॉस्पीटल, श्रीराम हॉस्पीटल बनाड़, श्रीराम हॉस्पीटल महामंदिर, वसुंधरा अस्पताल और यश अमन अस्पताल में ऑक्सीजन का एक भी बेड खाली नहीं था। एम्स में केवल 2 बेड और मथुरादास माथुर अस्पताल में 19 बेड खाली थे। जिला प्रशासन की ओर जेईसीआरसी बोरानाडा में 172 ऑक्सीजन बेड लगाए गए हैं। जिसमें से 120 खाली है। 2एस वेलसेंटर सेंटर के 12 में से 6 बेड खाली हैं।
सरकार ने बड़े अस्पतालों को कोविड सेंटर में बदल दिया। ऐसे में वहां सामान्य बेड की संख्या कम हो गई। वर्तमान में इन 20 अस्पतालों में 383 सामान्य बेड है जिसमं से 239 भरे हुए हैं और 144 खाली है। सरकारी अस्पतालों में 106 और निजी अस्पताल में 38 सामान्य बेड खाली है।
शहर के अस्पतालों में बेड की स्थिति
अस्पताल ——–ऑक्सीजन बेड—भरे हुए—–वेंटिलेटर आईसीयू—भरे हुए
1 एम्स ———— 120 —118 ———- 70—70
2 एमजीएच ——— 420 —420 ——— 43 —43
3 एमडीएम ——— 760 — 741 ———73 — 71
4 मिलिट्री अस्पताल— 50 — 50 ————8 — 8
5 रेलवे अस्पताल —- 51 — 51 ————5 —5
6 पावटा अस्पताल —–8 — 8 ———— 0 — 0
7 बोरानाडा——— 172 —52 ——— 0 — 0
8 2सी वेलनेस सेंटर – 12 — 6 ——— 3 —3
9 चंद्रा मंगल —— 30 —22 ——— 2 — 1
10 डऊकिया —— 25 — 25 ——— 4 — 4
11 कमला नगर — 54 — 54 ——— 3 — 3
12 राठी अस्पताल— 30 — 29 ———2 —2
13 मुकुंदम —— 10 —5 ———— 0— 0
14 मारवाड़ हॉस्पीटल- 47 —47 ———2 —2
15 मेडिसिटी ——15 — 15 ———2 — 1
16 मेडिपल्स ——100 —100 —— 22 —22
17 राजदादीसा —112 — 111 ———11 —11
18 श्रीराम अस्पताल- 46 — 46 ——— 4 — 4
19 श्रीराम बनाड़ —36 —36 ——— 2 —2
20श्रीराम महामंदिर— 24 —24 ——— 3 —3
21 वसुधंरा —— 43 —43 ——— 10 —10
22 यश अमन —– 49 — 49 ———3 — 3
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शहर के अस्पतालों में ऑक्सीजन आपूर्ति के प्रयास जोर-शोर से किए जा रहे हैं। पिछले चौबीस घण्टे के दौरान तीन टैंकर ऑक्सीजन यानी करीब 51 टन लिक्विड गैस पहुंच गई। इसमें से करीब 15 टन ऑक्सीजन बाड़मेर के पचपदरा भेजी गई। वायुसेना के मालवाहन विमान सी-17 द्वारा एयरलिफ्ट करके जामनगर स्थित रिलायंस रिफाइनरी भेजे गए दो टैंकर बुधवार को आ गए जो बीस-बीस टन के थे। इसके अलावा भिवाड़ी से 11 टन ऑक्सीजन लेकर एक और टैंकर आया। जेडीए के सीआई अमरसिंह रतनू और प्रवर्तन अधिकारी प्रवीण गहलोत की देखरेख में एम्स, एमडीएम अस्पताल, एमजीएच में ऑक्सीजन देने के बाद स्टोरेज के तौर पर भी रखवा दी गई है।
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अस्पतालों में बेड की स्थिति बताने का उद्देश्य यह है कि सरकार और चिकित्साकर्मी किस तरह से इस बीमारी से जूझ रहे हैं। घरों से बेवजह बाहर निकलकर जनता, जनता को संक्रमित कर रही है। अस्पताल पहुंचने पर आपको बेड बमुश्किल मिलेगा। बहुत भाग दौड़ करनी पड़ सकती है। नेताओं-अफसरों से एप्रोच के बाद भी जरुरी नहीं है कि अस्पताल में बेड मिल जाए। हो सकता है कि आपको ऑक्सीजन के एक सिलेण्डर के लिए दिन-रात एक करना पड़े। अच्छा है कि घरों में ही रहें और संक्रमण चैन को तोडऩे में सबकी सहायता करें।