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निचली अदालत के समक्ष पेश होने के लिए 45 दिनों का दिया अवसर

locationजोधपुरPublished: Jul 14, 2021 06:52:09 pm

– सजा के निलंबन और पुनरीक्षण के मामलों में आवधिक उपस्थिति दर्ज करने में विफल रहने का मामला

निचली अदालत के समक्ष पेश होने के लिए 45 दिनों का दिया अवसर

निचली अदालत के समक्ष पेश होने के लिए 45 दिनों का दिया अवसर

जोधपुर। राजस्थान हाईकोर्ट प्रशासन ने आपराधिक अपीलों में सजा के निलंबन और पुनरीक्षण के मामलों में हर साल जनवरी या जुलाई में निचली अदालत के समक्ष पेश होने की शर्त का विगत वर्ष 15 मार्च के बाद से कभी पालन नहीं करने वाले अभियुक्तों को 45 दिनों का एक अवसर दिया है।
रजिस्ट्रार जनरल ने 7 जुलाई को एक आपराधिक अपील की सुनवाई के दौरान एकल पीठ के आदेशों की पालना में परिपत्र जारी किया है। परिपत्र के अनुसार आपराधिक अपीलों में सजा के निलंबन और पुनरीक्षण के कुछ मामलों में एक शर्त रहती है कि अभियुक्त को हर साल जनवरी या जुलाई में निचली अदालत में पेश होना होगा, जब तक कि अपील पर फैसला नहीं हो जाता, लेकिन कोविड -19 महामारी के कारण कुछ आरोपी शर्त के अनुपालन में ट्रायल कोर्ट के समक्ष पेश नहीं हो पाए। इसे देखते हुए अधीनस्थ अदालत के समक्ष उपस्थिति दर्ज करने की शर्त का अनुपालन करने के लिए आरोपी को 45 दिनों का एक मौका दिया गया है। यदि कोई आरोपी राजस्थान हाईकोर्ट के आदेश के अनुपालन में 15 मार्च, 2020 के बाद निचली अदालत के समक्ष वार्षिक / आवधिक उपस्थिति दर्ज करने में विफल रहा है, तो सजा को निलंबित करने के आदेश, आपराधिक अपील या आपराधिक पुनरीक्षण में अभियुक्तों को 45 दिनों की एक और अवधि संबंधित ट्रायल कोर्ट के समक्ष अपनी उपस्थिति दर्ज करने के लिए दी गई है। पिछली तारीख (तारीखों) पर उनकी अनुपस्थिति में छूट दी जाएगी। संबंधित ट्रायल कोर्ट उन अभियुक्त व्यक्तियों को नोटिस जारी करेगा, जो इस अवधि के दौरान अपनी उपस्थिति दर्ज करने के उद्देश्य से उपस्थित होने में विफल रहे हैं। यदि आरोपी 45 दिनों की इस अवधि के दौरान भी पेश होने में विफल रहता है, तो संबंधित ट्रायल कोर्ट सजा को निलंबित करने के आदेश में निर्देश के अनुसार मामले को हाईकोर्ट को रिपोर्ट करेगा, लेकिन ट्रायल कोर्ट के समक्ष उपस्थिति दर्ज करने में विफलता के बावजूद यदि न्यायालय ने किसी भी मामले में कोई विशिष्ट निर्देश जारी किया है, तो वही मान्य होगा और इस परिपत्र के आधार पर ऐसे मामलों में अभियुक्तों को कोई छूट अवधि उपलब्ध नहीं होगी।
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