सूत्रों के अनुसार ड्रोन से तारबंदी के ऊपर से सूनसान इलाके में हेरोइन के पैकेट गिराने के प्रयास हो रहे हैं। हालांकि जम्मू में ड्रोन हमले के बाद बीएसएफ सतर्क है और केंद्रीय आईटी मंत्रालय के सहयोग से एंट्री ड्रोन टेक्नोलॉजी विकसित करने की कवायद भी की जा रही है, लेकिन मानसून के दौरान तस्कर बारिश और अंधेरे का फायदा उठाकर ऐसे प्रयास तेज करने की फिराक में हैं। इसके अलावा तारबंदी के ऊपर से पैकेट फैंककर और तारबंदी के नीचे सुरंग बनाकर हेरोइन तस्करी के प्रयास भी किए जा रहे हैं।
मकानों से लेते हैं टोह
मकानों से लेते हैं टोह
खाजूवाला व आसपास के इलाके से सटी सीमा पर बस्तियां है। इन क्षेत्रों में तस्कर मकानों से बीएसएफ की गतिविधियों की टोह लेते हैं। बीएसएफ जवान के एक पॉइंट से दूसरे पॉइंट तक पेट्रोलिंग के दौरान समयांतराल का फायदा उठाकर तस्करी करने का प्रयास किया जाता है।
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केस एक-गत 15 फरवरी को एटीएस-एसओजी ने बाड़मेर जिले के बींजराड़ थानान्तर्गत आरबी की गफन क्षेत्र से 7 किलो हेरोइन जब्त की। यह सीमा पार से तारबंदी के ऊपर से फेंकी गई थी। एसओजी ने हेरोइन की खेप लेने वालों के साथ ही पंजाब के तस्करों को गिरफ्तार किया था।
केस दो-तीन जून को खाजूवाला बीकानेर में बीएसएफ ने 56 पैकेट में 56.501 किलो हेरोइन जब्त की थी। यह खेप धोरों के नीचे सुरंग बनाकर बिछाए गए पीवीसी पाइप से सीमा पार पहुंचाई गई। नगर मुस्तैद सीमा प्रहरियों ने दो युवकों को दबोच कर हेरोइन जब्त कर ली।
केस तीन-सात जुलाई को एटीएस व गिराब थाना पुलिस ने बाड़मेर में सीमावर्ती देताणी गांव में एक बाड़े से 22 किलो हेरोइन जब्त कर चार जनों को गिरफ्तार किया। यह खेप भी सात दिन पहले धोरों की आड़ लेकर सीमा पार से लाई गई थी।