रिजल्ट का मूल्यांकन दो भागों में विभाजित
सीबीएसई कक्षा दसवीं के रिजल्ट का मूल्यांकन दो भागों में विभाजित था। 20 नंबर आंतरिक मूल्यांकन और वहीं 80 नंबर के मूल्यांकन में पिछले तीन वर्षों में जो भी स्कूल का बेस्ट रिजल्ट था, उसी साल को आधार वर्ष माना। साथ ही बच्चों के लिए वर्ष पर्यंत ऑफलाइन व ऑनलाइन परीक्षा को भी रिजल्ट में जोड़ा गया। इस कारण स्कूलों को रिजल्ट बनाने में खासी समस्याओं से दो-चार होना पड़ा। गणित विषय तो बेसिक व स्टैण्डर्ड दो भागों में विभाजित था। इसमें कइयों को आकांक्षा से अधिक तो कइयों को कम अंक मिले हैं।
सीबीएसई कक्षा दसवीं के रिजल्ट का मूल्यांकन दो भागों में विभाजित था। 20 नंबर आंतरिक मूल्यांकन और वहीं 80 नंबर के मूल्यांकन में पिछले तीन वर्षों में जो भी स्कूल का बेस्ट रिजल्ट था, उसी साल को आधार वर्ष माना। साथ ही बच्चों के लिए वर्ष पर्यंत ऑफलाइन व ऑनलाइन परीक्षा को भी रिजल्ट में जोड़ा गया। इस कारण स्कूलों को रिजल्ट बनाने में खासी समस्याओं से दो-चार होना पड़ा। गणित विषय तो बेसिक व स्टैण्डर्ड दो भागों में विभाजित था। इसमें कइयों को आकांक्षा से अधिक तो कइयों को कम अंक मिले हैं।
– खेमसिंह, रिजल्ट एक्सपर्ट, सीबीएसई —————— आगे अपनी क्षमता अनुसार ही विषय विकल्प चुने
इस बार रिजल्ट सीधे तौर पर पुराने विद्यार्थियों की परफोर्मेंस बेसिस पर रहा है। कई विद्यार्थियों ने खूब पढ़ाई की, लेकिन जिन्होंने मेहनत नहीं की, उसके बावजूद बेस्ट रिजल्ट मिला है। उनके लिए खुशी की घड़ी नहीं है। वे भविष्य में शिक्षा में आने वाले चैलेंजेज को लेकर तैयार रहे। क्योंकि दसवीं बोर्ड की बेसिक तैयारी आगामी कक्षाओं में मजबूत बेस बनाने का कार्य करेगी। होनहार विद्यार्थियों को हताश होने की जरूरत नहीं है, क्योंकि उनके पास बेस्ट परफोर्मेंस दिखाने के लिए हर साल एक मौका है। विद्यार्थी कक्षा 11 में अपनी क्षमता अनुरूप ही विषय चुने, इस साल के माक्र्स देखकर चयन नहीं करें।
इस बार रिजल्ट सीधे तौर पर पुराने विद्यार्थियों की परफोर्मेंस बेसिस पर रहा है। कई विद्यार्थियों ने खूब पढ़ाई की, लेकिन जिन्होंने मेहनत नहीं की, उसके बावजूद बेस्ट रिजल्ट मिला है। उनके लिए खुशी की घड़ी नहीं है। वे भविष्य में शिक्षा में आने वाले चैलेंजेज को लेकर तैयार रहे। क्योंकि दसवीं बोर्ड की बेसिक तैयारी आगामी कक्षाओं में मजबूत बेस बनाने का कार्य करेगी। होनहार विद्यार्थियों को हताश होने की जरूरत नहीं है, क्योंकि उनके पास बेस्ट परफोर्मेंस दिखाने के लिए हर साल एक मौका है। विद्यार्थी कक्षा 11 में अपनी क्षमता अनुरूप ही विषय चुने, इस साल के माक्र्स देखकर चयन नहीं करें।
– ब्रजेश शर्मा, रिजल्ट एक्सपर्ट, सीबीएसई