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Rajasthan Patrika’ s talk show में संस्कृतिकर्मियों ने किए संस्कृति का बजट बढऩे के स्वर मुखर

locationजोधपुरPublished: Jan 16, 2020 10:16:18 pm

Submitted by:

M I Zahir

जोधपुर ( jodhpur news.current news ) .राजस्थान पत्रिका की ओर से गुरुवार को पत्रिकायन में राज्य के आगामी बजट ( Rajasthan budget ) पर संस्कृतिकर्मियों ( Art and Culture ) का टॉक शो आयोजित किया गया। इसमें जाने-माने साहित्यकारों, रंगकर्मियों, कवियों,कथाकारों,शाइरों, चित्रकारों,संगीतकारों व गायकों आदि ने बेबाकी से अपनी बात रखी। उनका कहना था कि सरकार अकादमी के बोर्डों का गठन करे।
 
 
 
 

Rajasthan Patrika' s talk show voiced the increasing budget of culture

Rajasthan Patrika’ s talk show voiced the increasing budget of culture

जोधपुर ( jodhpur news.current news ) .कला व संस्कृति का संरक्षण करना सरकार का दायित्व है। इस दायित्व का निर्वाह करने में किसी भी तरह की कोताही नहीं बरतना चाहिए। औपचारिता तो बिल्कुल नहीं होना चाहिए। राजस्थान सरकार के पेश किए जाने वाले बजट ( Rajasthan budget ) पर राजस्थान पत्रिका की ओर से पत्रिकायन में संस्कृतिकर्मियों से की गई चर्चा ( talk show ) से यह तथ्य उभर कर सामने आया। उनका कहना था कि राज्य सरकार को कला व संस्कृति ( Art and Culture ) के लिए बाकायदा आवश्यकता के अनुरूप बजट ( Budget news ) आवंटित करना चाहिए। वहीं सरकार अकादमी के बोर्डों का गठन करे।
एक आवाज में स्वर मुखर
चर्चा के दौरान जाने-माने साहित्यकारों,रंगकर्मियों,कवियों,कथाकारों,शाइरों, चित्रकारों,संगीतकारों व गायकों आदि ने सरकार से कला और संस्कृति की उपेक्षा न करने के लिए एक आवाज में स्वर मुखर किए। वहीं उन्होंने अशोक उद्यान के ओपन थिएटर के लिए पत्रिका के’ थिएटर मांगे जिन्दगी’ अभियान चलाने और हाईकोर्ट के प्रसंज्ञान लेने व जेडीए द्वारा काम शुरू होने की प्रशंसा की।
उदगार प्रकट किए

टॉक शो में साहित्यकारों में डॉ.हरीदास व्यास, डॅा. आईदानसिंह भाटी,सत्यदेव संवितेंद्र, प्रेमप्रकाश व्यास,बसंती पंवार, हरिप्रकाश राठी,संतोष चौधरी,वीणा चूंडावत,माधव राठौड़, फानी जोधपुरी व अकमल नईम ने विचार रखे। वहीं चित्रकारों में डॅा. ज्योतिस्वरूप शर्मा, मेहर अली अब्बासी, हीरालाल भाटी व माणक जोशी ने उदगार प्रकट किए। साथ ही लोक गायक कालूराम प्रजापति, संगीतकार सतीशचंद्र बोहरा और म्यूजिक आर्काइव निदेशक गिरधारीलाल विश्वकर्मा ने विचार प्रकट किए। जबकि रंगकर्मियों में विकास कपूर, शब्बीर हुसैन, मदन बोराणा और हरिप्रसाद वैष्णव ने विचार व्यक्त किए। वहीं स्वर सुधा अध्यक्ष चंद्रा बूब ने पर्यटन व्यवसाय के संबंध में उद्गार प्रकट किए।

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