राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय डोली में पदस्थ वरिष्ठ शारीरिक शिक्षिका बेला सैनी ने अपने पति व सेवानिवृत्त एथलेटिक्स कोच पुरुषोत्तम सैनी की बीमारी के कारण स्थानांतरण के लिए सरकार से निवेदन किया था। सरकारी आदेश के तहत 4 अगस्त को सैनी का स्थानांतरण राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय महिलाबाग में और यहां तैनात वरिष्ठ शारीरिक शिक्षक राजेंद्रसिंह का स्थानांतरण डोली कर दिया गया। पत्रिका की पड़ताल में पता चला कि सेपक तकरा खेल राजस्थान के स्कूली खेलों में शामिल नहीं है। ना ही शारीरिक शिक्षकों को सेपक तकरा की ट्रेनिंग दी जाती है। यह खेल राज्य खेल परिषद् से भी सम्बद्ध नहीं है। इसके बाद भी सरकारी स्कूल के खेल मैदान पर सेपक तकरा का प्रशिक्षण दिया जाता है।
उप निदेशक के आदेश की पालना करते हुए शारीरिक शिक्षिका सैनी ने पहले ही दिन 6 अगस्त को शाम को जब खेल मैदान पर सेपक तकरा के खिलाडिय़ों की उपस्थिति ली तो 18 खिलाडिय़ों की उपस्थिति दर्ज की गई। इनमें से मात्र दो खिलाड़ी ही स्थानीय राजकीय विद्यालय के और अन्य निजी स्कूल व कॉलेज के विद्यार्थी निकले। सूत्रों के अनुसार स्थानांतरित होकर आई शारीरिक शिक्षिका को विद्यालय में नहीं टिकने देने के लिए माहोल बनाया जा रहा है।
इनका कहना है
‘राजस्थान खेल अधिनियम 2005 के तहत सेपक तकरा मान्यता प्राप्त खेल नहीं है। इस खेल को व खिलाडिय़ों को किसी प्रकार सहायता या यात्रा भत्ता नहीं दिया जाता।’
सोहनलाल चौधरी, खेल अधिकारी, क्षेत्रीय खेलकूद प्रशिक्षण केन्द्र, बरकतुल्लाह खान स्टेडियम
‘मुझे जानकारी नहीं है। अगर लिखित में इस संबंध में शिकायत आएगी तो जरूर कार्यवाही होगी।’
नूतनबाला कपिला, संयुक्त निदेशक, माध्यमिक शिक्षा निदेशालय बीकानेर ‘मंत्रीजी के आदेश पर सेपक तकरा खेल की मॉनिटरिंग की तात्कालिक व्यवस्था की गई थी। इस मामले की पूरी जांच कर समाधान करेंगे।’
बंशीधर गुर्जर, उप निदेशक, माध्यमिक शिक्षा जोधपुर