शहरी क्षेत्र में सवा करोड़ की लागत से बने गौरव पथ निर्माण के दौरान नदी जलप्रवाह क्षेत्र में पूर्व की तरफ जलभराव के दबाब से रपट को बचाने के लिए गौरव पथ के पश्चिम में लाखों रुपए खर्च कर अलग से पिचिंग कार्य कराया गया। जो रपट पर चली नदी की 3 इंच की चादर के चंद घण्टे के प्रवाह में ही क्षतिग्रस्त हो गई।
रपट के पूर्वी दिशा की तरफ नदी का जलस्तर बराबर होने से पानी का दबाब अब इसी रपट पर टिका है। पिचिंग के टूट कर बिखर जाने से अब नदी में बने गौरव पथ की रपट पर भी खतरे के बादल मंडराने से कस्बेवासियों के साथ निर्माण विभाग की भी नींद उड़ गई है।
अनदेखी का परिणाम शहर में गौरव पथ निर्माण के रपट की सुरक्षा को लेकर शुरू किए गए पिचिंग कार्य के दौरान भी मामूली बारिश से पिचिंग की सपोर्टिंग वाल घटिया निर्माण सामग्री के उपयोग के चलते ढेर हो गई थी। तब शिकायत की जांच में भी विभाग के आला अभियंताओं ने लीपापोती कर जांच को ठंडे बस्ते में डाल कर कार्य पूरा तो करवा दिया, उसके बाद आई पहली ही बरसात ने पिचिंग की तार-तार कर रख दिया।
पालिका की भी अनसुनी गौरव पथ के निर्माण के दौरान सन 2017-18 में रपट में घटिया निर्माण को लेकर नगर पालिका ने भी अधिशासी अभियंता तक को अवगत कराते हुए जनहित के साथ भविष्य में नदी जलप्रवाह के साथ जल दबाब को देखते हुए उच्च गुणवत्ता के निर्माण को शहर के लिए जरूरी बताया लेकिन आला अभियंताओं ने उसे भी अनसुना कर दिया।
इन्होंने कहा जोजरी नदी में जलभराव के साथ रपट पर पड़ रहे दबाब को लेकर निर्माण विभाग को तत्काल कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। -डॉ. लक्ष्मीनारायण बुनकर, उपजिला कलक्टर पीपाड़सिटी नदी की रपट के क्षतिग्रस्त पिचिंग का निरीक्षण कर मरम्मत के साथ नुकसान के आंकलन की कार्यवाही की जाएगी।
-नारायणलाल सीरवी, सहायक अभियंता पीडब्ल्यूडी, बिलाड़ा/पीपाड़सिटी