दरअसल बॉर्डर पर मोबाइल टावर गिनती के हैं और जो हैं, उनकी फ्रीक्वेंसी कम है। बॉर्डर पर करीब 150 सीमा चौकियों पर हजारों जवान तैनात हैं। जवानों को घर पर बातचीत के लिए दिए गए सेटेलाइट फोन पिछले छह महीने से बंद पड़े हैं। इन सेटेलाइट फोन को इसरो के कम्यूनिकेशन सेटेलाइट एनएसएस-6 के ट्रांसपोर्डर से मिलने वाला लिंक 13 मई को बंद हो गया। बीएसएफ ने सेटेलाइट फोन सेवा उपलब्ध कराने वाले भारत संचार निगम लिमिटेड (बीएसएनएल) को इसकी शिकायत कर रखी है। लेकिन बीएसएनएल को अब तक इसरो से नया कम्यूनिकेशन लिंक नहीं मिल पाय॥ इससे बॉर्डर पर करीब दो हजार सेटेलाइट फोन डिब्बे बनकर रह गए हैं।
दिन में कई जवान बसों से गांव पहुंचे
बीएसएफ के अधिकारियों ने जवानों को अपनी पत्नियों से बात कराने के लिए गुरुवार को दिन में बसों से बीओपी के निकटस्थ गांव भेजा। लेकिन इमरजेंसी ड्यूटी के कारण कई जवान पत्नी से बात नहीं कर सके।
इनका कहना है
‘हमें अब तक नया सेटेलाइट लिंक नहीं मिला है। दिल्ली के स्तर पर इस मुद्दे का समाधान किया जा रहा है। सेटेलाइट फोन जल्द शुरू हो जाएंगे।’
एन. राम, महाप्रबंधक, बीएसएनएल जोधपुर