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Rajasthan Election 2023: CM गहलोत का सबसे मजबूत किला है सरदारपुरा विधानसभा सीट, 5 बार से हैं विधायक

Sardarpura Assembly Constituency: प्रदेश की सरदारपुरा विधानसभा सीट राज्य के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का सबसे मजबूत गढ़ मानी जाती है।

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Sardarpura Assembly Constituency: प्रदेश की सरदारपुरा विधानसभा सीट राज्य के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का सबसे मजबूत गढ़ मानी जाती है। वर्ष 1998 में कांग्रेस के टिकट पर चुनाव जीतने के बाद 1999 में तत्कालीन विधायक मानसिंह देवड़ा ने यह सीट गहलोत के लिए खाली की थी। इसके बाद से गहलोत यहां से लगातार जीत रहे हैं। सरदारपुरा विधानसभा सीट पर अब तक 13 बार चुनाव हो चुके हैं। सबसे पहले साल 1967 में भारतीय जन संघ के टिकट पर डी. दत्त यहां से चुनाव जीते थे। आपको बता दें कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत साल 2018, 2013, 2008, 2003 और 1999 के विधानसभा चुनावों में इस सरदारपुरा सीट से लगातार जीतते आ रहे हैं।

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जानिए चुनावी इतिहास
साल 1967 में सरदारपुरा विधानसभा सीट पर पहली बार चुनाव हुए थे। इस चुनाव में भारतीय जन संघ ने डी. दत्त को टिकट दिया था। उनके खिलाफ कांग्रेस ने एमएल सांखला को चुनावी मैदान में उतारा था। दत्त ने ये चुनाव 3167 वोटों से जीता था। पहली बार इस चुनाव में दत्त को 19819 तो वहीं सांखला को 16652 वोट मिले थे। 1972 के चुनाव में भारतीय जन संघ और कांग्रेस दोनों ने अपने प्रत्याशियों को बदल दिया। भारतीय जन संघ की तरफ से खींवराज तो वहीं कांग्रेस की तरफ से अमृत लाल गहलोत में चुनावी भिड़ंत हुई। हालांकि इस बार बाजी कांग्रेस के उम्मीदवार ने मारी। गहलोत ने जनसंघ के खींवराज को रिकॉर्ड 10911 वोटों से हराया। 1977 के चुनावों में पहली बार बनी जनता पार्टी ने सरदारपुरा में अपनी जीत दर्ज की। जनता पार्टी के माधोसिंह के खिलाफ कांग्रेस ने अशोक कुमार को टिकट दिया। इस चुनावों में माधोसिहं को 21322 तो वहीं अशोक कुमार को 16993 वोट मिले। 1980 में इस सीट पर INC(I) के मानसिंह देवड़ा जीते। उन्होंने भाजपा के ब्रह्मसिंह को 5298 वोटो से शिखस्त दी।

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लगातार 2 बार मान सिंह ने जीता चुनाव
1985 के चुनावों में एक बार फिर ये सीट कांग्रेस के खाते में गई। यहां मान सिंह लगातार दूसरी बार चुनाव जीते। हालांकि इस बाद भाजपा ने पूर्व विधायक माधो सिंह को फिर से चुनावी मैदान में उतारा, लेकिन वे मान सिंह को हरा नहीं पाए। चुनाव में मान सिंह को 26826 तो वहीं माधो सिंह को महज 13681 वोट ही मिले। 1990 और 1993 के चुनावों में सरदारपुरा सीट भाजपा के कब्जे में रही। 1990 में भाजपा ने राजेंद्र गहलोत को टिकट दिया। गहलोत ने लगातार दो बार विधायक रहे मान सिंह को रिकॉर्ड 18179 वोटों ने शिखस्त दी। हालांकि अगले चुनाव में कांग्रेस ने उम्मीदवार बदल लिया, लेकिन परिणाम में कोई बदलाव नहीं आ सके। 1993 का चुनाव परिणाम भी भाजपा की झोली में गया। यहां भाजपा के राजेंद्र गहलोत को 42660 तो वहीं कांग्रेस के राजेंद्र सिहं सोलंकी को 34167 वोट मिले। 1998 के चुनावों में एक बार फिर मान सिंह ने सरदारपुरा सीट को अपने पाले में लिया। उन्होंने भाजपा से लगातार दो बार विधायक रहे राजेंद्र गहलोत को 17881 वोटों से हराया।


1999 में हुई अशोक गहलोत की एंट्री
साल 1998 में कांग्रेस के टिकट पर चुनाव जीतने के बाद 1999 में तत्कालीन विधायक मानसिंह देवड़ा ने यह सीट अशोक गहलोत के लिए खाली की थी। इसके बाद से गहलोत यहां से लगातार जीत रहे हैं। इस चुनाव में गहलोत ने भाजपा के मेघराज लोहिया को बुरी तरह हराया। गहलोत को जहां 69856 तो वहीं मेघराज लोहिया को महज 20576 वोट ही मिले। 2003 में कांग्रेस से गहलोत दूसरी बार मैदान में उतरे तो भाजपा ने प्रत्याशी बदल दिया और महेन्द्र कुमार झाबक पर दावं खेला, लेकिन भाजपा का यह दावं फेल साबित हुआ और गहलोत दूसरी बार 18991 मतों से जीत गए। बता दें कि सरदारपुरा विधानसभा माली बाहुल्य सीट मानी जाती है। 2008 में पूर्व मंत्री राजेन्द्र गहलोत को भाजपा का प्रत्याशी बनाया, लेकिन वे भी अशोक गहलोत के सामने टिक नहीं पाए और 15340 मतों से पराजित हो गए।

मोदी लहर में भी जीते गहलोत
जीत की हैट्रिक लगा चुके और दो बार मुख्यमंत्री बनने के बाद 2013 में गहलोत इसी सरदारपुरा सीट से कांग्रेस के प्रत्याशी बने। भाजपा ने फिर अपनी रणनीति बदली। इस बार राजपूत प्रत्याशी शंभूसिंह खेतासर को मैदान में उतारा गया। खेतासर वर्ष 2008 में ओसियां से निर्दलीय के रूप में विधानसभा व पाली लोकसभा क्षेत्र में बसपा की सीट से सांसद का चुनाव लड़ चुके थे, लेकिन दोनों बार ही हार का मुंह देखा। वर्ष 2013 में सरदारपुरा सीट से भाजपा ने खेतासर को अपना प्रत्याशी बनाया। इस चुनाव में मोदी की जबरदस्त लहर थी। कांग्रेस जिले की दस सीटों में से नौ सीट पर हार गई, लेकिन केवल गहलोत ही अपनी सरदारपुरा सीट बचा पाए। उन्होंने खेतासर को 18478 वोटों से पराजित किया। 2018 के चुनावों में एक बार फिर अशोक गहलोत की जीत हुई। उन्हें 97081 तो वहीं भाजपा के शंभूसिंह खेतासर को 51484 वोट मिले।

















































































































































YearAssembly Constituency NameWinnerPartyVoteRunner UpPartyVote
2018SardarpuraAshok GehlotINC97081Sambhu SinghBJP51484
2013SardarpuraAshok GehlotINC77835Sambhu SinghBJP59357
2008SardarpuraAshok GehlotINC55516Rajendra GehlotBJP40176
2003SardarpuraAshok GehlotINC58509Mahendra JhabakBJP39518
1999SardarpuraAshok GehlotINC69856Meghraj LohiyaBJP20576
1998SardarpuraMan Singh DeoraINC51709Rajendra GehlotBJP33828
1993SardarpuraRajender GahlotBJP42660Rajender SolankiINC34167
1990SardarpuraRajendra GahlotBJP41931Man Singh DevraINC23752
1985SardarpuraMan Singh DeoraINC26826Madho SinghBJP13681
1980SardarpuraMan Singh DeoraINC(I)25022Bram SinghBJP19724
1977SardarpuraMadho SinghJNP21322Ashok KumarINC16993
1972SardarpuraAmrit GehlotINC28253KhivrajBJS17342
1967SardarpuraD. DuttBJS19819ML SankhlaINC16652