शेरगढ़ पर पिछली बार की तरह प्रत्याशी रिपीट हैं। भाजपा ने चार बार रहे विधायक बाबूसिंह राठौड़ को छठी बार मैदान में उतारा है, तो कांग्रेस से वर्तमान विधायक मीना कंवर टक्कर दे रही हैं। राजपूत बाहुल्य इस सीट पर प्रमुख प्रतिद्वंद्वी भी हमेशा राजूपत ही रहे हैं, लेकिन इस बार इंदावटी की कहानी कुछ अलग है। शेरगढ़ सीट पर इंदावटी का क्षेत्र निर्णायक भूमिका निभाता है। पिछली बार यहीं से बाबूसिंह को नुकसान हुआ था। इस बार भी दोनों ही पार्टियों की नजरें इसी इलाके पर टिकी हुई हैं। मीना कंवर को जहां सरकार की योजनाओं व सात गारंटी से उम्मीद है तो बाबूसिंह अपने परम्परागत वोट बैंक को मजबूत करने में जुटे हैं।
बालेसर क्षेत्र से जब हम शेरगढ़ क्षेत्र की ओर गए तो वहां मिले विक्रम सिंह बोले कि यहां की सड़कों की हालत आप देख रहे हैं। हाइवे को छोड़ कर एक भी सड़क की हालत ठीक नहीं है। शेरगढ़ कस्बे के समीप मिले रावत सिंह बताते हैं कि पानी की समस्या सबसे बड़ी है। 20 किमी दूर हमारी ढाणी है, उसमें पानी का कनेक्शन तक नहीं है। उनके साथ मिले बुजुर्ग हमीरसिंह भी यही समस्या बताते हैं।
– सैनिक बाहुल्य क्षेत्र के बावजूद सैन्य स्कूल नहीं खुला है।
– आज भी कई गांव-ढाणियों में लिफ्ट केनाल का पानी नहीं पहुंचा।
– कई दूरस्थ गांवों में सड़कों तक का अभाव है।
कांग्रेस
– सड़कों व शिक्षा को बेहतर करेंगे।
– सिलिकोसिस पीड़ितों की मदद की जाएगी।
– पेयजल की स्थिति को बेहतर किया जाएगा।
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भाजपा
– गांव ढाणी तक रास्ते खराब हैं, उनको सुधारेंगे।
– जल जीवन मिशन में घर-घर तक पानी पहुंचाएंगे।
– जनता को भ्रष्टाचार मुक्त शासन देंगे।