
जोधपुर। मानसून अगले महीने में लौटेगा। मानसून के लौटने के साथ ही प्रदेश में पश्चिमी हवाएं प्रभावी हो जाएगी, जिसके चलते हवा में प्रदूषण भी बढ़ेगा यानी सितम्बर महीना बेहतरीन सांसों के लिए अंतिम महीना है। अभी तकरीबन एक महीने और बेहतरीन वायु में सांस ले सकते हैं। इस दौरान वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 100 के आसपास या नीचे रहेगा, जो काफी अच्छा माना जाता है। मारवाड़ के थार मरुस्थल के करीब होने के कारण इसके वायुमण्डल में धूल कण अधिक मिलते हैं, जिससे वायु प्रदूषित रहती है। मानसून के मौसम में आसमान की धुलाई होने से प्रदूषण लगातार कम होता रहता है। जून से लेकर सितंबर तक प्रदेश में मानसूनी हवा कायम रहती है, जिससे लोगों को काफी राहत मिलती है। मानसून जाने के बाद धीरे-धीरे मौसम में बदलाव होगा और प्रदूषक हावी होंगे।
मई तक रहती है प्रदूषित हवा
मानसून लौटने के बाद हवा की गति एकदम मंद पड़ जाने से प्रदूषक धीरे-धीरे स्थानीय वातावरण में ही तैरने लगते हैं। सर्दियों के मौसम में हवा धीरे-धीरे खराब हो जाती है। धुंध व कोहरे के कारण एक्यूआई 250 से 300 और कई बार 300 के पार निकल जाता है। ऐसी स्थिति फरवरी तक रहती है। उसके बाद हवा शुरू हो जाती है। अप्रेल और मई में धूल भरी हवा और आंधी चलने से प्रदूषण फिर अधिक हो जाता है।
छह प्रदूषक हैं जिम्मेदार
वायु प्रदूषण के लिए मुख्य रूप से धूल कण यानी पीएम 10 व पीएम 2.5 कणों के अलावा नाइट्रोजन के ऑक्साइड, सल्फर डाइऑक्साइड, कार्बन मोनोऑक्साइड और ओजोन जिम्मेदार है। जोधपुर में वायु प्रदूषण मुख्यत: पीएम कणों (पार्टिकुलेट मैटर) के कारण ही सर्वाधिक रहता है। सर्दियों में वाहनों के धुएं से नाइट्रोजन और कार्बन के ऑक्साइड बनने से वायु प्रदूषित हो जाती है।
0 से 50 तक ही हवा अच्छी : हवा में प्रदूषकों की मात्रा 0 से 50 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर है तो हवा अच्छी व शुद्ध मानी जाती है। 51 से 100 के मध्य संतोषजनक स्तर रहता है। 101 से 200 के बीच मध्यम यानी कामचलाऊ वायु रहती है। 201 से 300 खराब स्तर, 301 से 400 बहुत खराब और 401 से 500 के मध्य भयंकर खराब स्थिति होती है।
महीना- एक्यूआई (अनुमानित)
जनवरी- 220
फरवरी- 200
मार्च- 180
अप्रेल- 260
मई- 300
जून- 120
जुलाई- 100
अगस्त- 80
सितम्बर- 60
अक्टूबर- 150
नवम्बर- 220
दिसम्बर- 250
Published on:
22 Sept 2023 10:25 am
बड़ी खबरें
View Allजोधपुर
राजस्थान न्यूज़
ट्रेंडिंग
