ROADWAYS---- पहले तीन अब एक-एक माह में बदल रहे टाइम कीपर
एक माह में बदल रहा टाइम कीपर, नहीं समझ पाता परिचालकों की ड्यूटी चक्र
- पहले तीन माह में बदला जाता था समय पालक
- परिचालकों व समय पालक में आपसी समझ के अभाव में ड्यूटी लगाने में होती है त्रुटियां
- परिचालक सुसाइड नोट वायरल मामला

जोधपुर।
रोडवेज जोधपुर डिपो के एक परिचालक का लगातार ड्यूटी लगाने से मानसिक तनाव में आकर सुसाइड नोट वायरल मामले में प्रबंधकीय त्रुटियां भी जिम्मेदार है। परिचालकों का ड्यूटी चक्र प्रबंधन, परिचालकों-समय पालक में आपसी समझ का अभाव, समय पालक (टाइम कीपर) के बदलते रहने सहित कई प्रबंधकीय त्रुटियां है। इनकी वजह से परिचालक मानसिक तनाव में आकर खुदकुशी करने जैसे कदम उठाने को मजबूर होते है।
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पूर्व में तीन अब एक-एक माह में बदल रहे टाइम कीपर
पूर्व में परिचालकों की ड्यूटी लगाने वाले टाइम कीपर तीन माह में बदले जाते थे, अब छह माह पूर्व हुए आदेशानुसार एक-एक माह में ही समय पालक बदले जा रहे है, ऐसी स्थिति में समय पालक परिचालकों की ड्यूटी लगाने की जटिल प्रक्रिया नहीं समझ पाते। अन्य कारण यह भी है कि एक वर्ष तक समय पालक पद पर काम नहीं किए हुए कर्मचारी को समय पालक लगाया जा रहा है। इससे समय पालक व परिचालकों के बीच आपसी समझ विकसित नहीं हो पाती।
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माफी मांगी, ड्यूटी पर आया परिचालक
वहीं शनिवार को सुसाइड नोट वायरल करने वाला परिचालक पंजवानी ने मुख्य महाप्रबंधक से माफी मांगी व नई ड्यूटी की मांग की। इस पर रविवार को उसे अहमदाबाद के लिए ड्यूटी लगाई गई।
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मुख्यालय के आदेश से ही समय चालक एक-एक माह में बदले जा रहे है। यह सही भी है कि कम समय में वह परिचालकों का ड्यूटी सिस्टम नहीं समझ पाता। इससे परिचालकों के साथ आपसी समझ विकसित नहीं हो पाती। वहीं कुछ गलती परिचालक की भी रही।
बीआर बेड़ा, मुख्य महाप्रबंधक
रोडवेज डिपो जोधपुर
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