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निकाय चुनाव में टूटी सडक़ें हार-जीत का मुद्दा न बन जाए, इसलिए प्रशासनिक अमला उतरा फील्ड में

locationजोधपुरPublished: Sep 20, 2019 04:20:51 pm

Submitted by:

Harshwardhan bhati

जिला कलक्टर विभिन्न विभागों के 25 से ज्यादा अधिकारियों के साथ सुबह 3 घंटे फील्ड में जाकर कर रहे दौरा, 3 आरएएस अधिकारियों की टीम शिकायत व मरम्मत कार्यों की कर रही मॉनिटरिंग

reconstruction of damaged roads in jodhpur before by elections

निकाय चुनाव में टूटी सडक़ें हार-जीत का मुद्दा न बन जाए, इसलिए प्रशासनिक अमला उतरा फील्ड में

जोधपुर. नगर निगम चुनाव से पहले सडक़ों के साथ शहर को चकाचक करने के लिए पूरा प्रशासनिक अमला इन दिनों फील्ड में है। खुद जिला कलक्टर इसे ‘लीड’ कर रहे हैं। रोजाना सुबह कार्यालय समय से पहले सडक़ों और इन्फ्रास्ट्रक्चर से जुड़े तमाम विभागों के अधिकारियों को लेकर कलक्टर सडक़ों के हालात देख रहे हैं।
दरअसल, शहर में क्षतिग्रस्त सडक़ों से एक तरफ जहां सरकार की हर जगह किरकिरी हो रही है, वहीं लोगों में भी रोष हैं। निकाय चुनाव में क्षतिग्रस्त सडक़ें हार-जीत का मुद्दा न बन जाए, इसके लिए न केवल सडक़ों की मरम्मत पर ध्यान दिया जा रहा है, बल्कि शहर का सौंदर्यीकरण भी किया जाएगा। जिला प्रशासन युद्ध स्तर पर कार्य करवा सितंबर माह के अंत तक सभी सडक़ों की मरम्मत करवाना चाहता है।
जिला कलक्टर गत 10 दिन से हर सुबह सभी विभागों के दो दर्जन से ज्यादा अधिकारियों के साथ शहर की सडक़ों का निरीक्षण कर रहे हैं। इस दौरान अधिकारियों को मौके पर ही समस्या व उसके निस्तारण के निर्देश दिए जा रहे हैं। इतना ही नहीं, कार्यों में देरी ना हो इसके लिए तीन आरएएस अधिकारियों की टीम बनाई गई है। जो जनप्रतिनिधियों व आम लोगों की शिकायतों के निस्तारण संबंधी मौका रिपोर्ट करने के साथ ही कलक्टर के दौरे के बाद मरम्मत कार्यों की मॉनिटरिंग भी कर रहे हैं।
इन 4 बिंदुओं से समझें ‘सरकार’ का इशारा और प्रशासन की मुस्तैदी

1. हर बार जब शुरू होते हैं, इस बार पूरे हो जाएंगे काम
शहर में हर वर्ष मानसून की बारिश के बाद अक्टूबर-नवम्बर में सडक़ों की मरम्मत का कार्य शुरू होता है। इस दौरान भी कई विभागों के अधिकारियों के बीच सामंजस्य नहीं होने के कारण सडक़ों की मरम्मत में देरी के साथ कई तकनीकी खामियां रह जाती हैं। इससे कुछ सडक़ें बनने के कुछ माह बाद ही टूट जाती है और कई सडक़ों की मरम्मत का कार्य ही अधूरा रह जाता है। इस बार जिला प्रशासन निकाय चुनाव की आचार संहिता लगने से पहले सडक़ों की मरम्मत का कार्य पूरा करना चाहता है।
2. सडक़ों की मरम्मत तक जारी रहेंगे दौरे
जिला कलक्टर प्रकाश राजपुरोहित ने बताया कि वे गत दस दिन से जेडीए, नगर निगम, पीडब्ल्यूडी, पीएचईडी, एनएच के दो दर्जन से ज्यादा अधिकारियों के साथ सुबह सात से दस बजे तक सडक़ों का दौरा कर रहे हैं। सभी अधिकारियों को साथ रखने से निर्माण कार्य में आने वाली समस्या का निस्तारण मौके पर ही हो जाता है। सडक़ों की मरम्मत पूरी होने तक ये दौरे जारी रहेंगे।
3. तीन आरएएस अधिकारियों की मॉनिटरिंग टीम
क्षतिग्रस्त सडक़ों व इन्फ्रास्ट्रक्चर से जुड़ी अन्य समस्याओं के निस्तारण व विकास कार्यों की मॉनिटरिंग के लिए आरएएस अधिकारी जेडीए सचिव ओपी बुनकर, स्थानीय निकाय के उपनिदेशक विशाल दवे, जेएनवीयू रजिस्टार अयूब खान की टीम बनाई गई हैं। टीम आमजन व जनप्रतिनिधियों से मिलने वाली शिकायतों का मौके पर जाकर निरीक्षण और जिला कलक्टर के दौरे के बाद कार्यों की मॉनिटरिंग कर रही है।
4. एक्सपर्ट की निगरानी में निर्माण कार्य
जिला प्रशासन एक्सपर्ट के तौर पर सेवानिवृत्त अधीक्षण अभियंता महेश शर्मा की सेवाएं ले रहा है। उनके सुझाव से तकनीकी खामियों को दूर कर निर्माण कार्य करवाया जा रहा है। इससे सडक़ धंसने और सीवरेज के ब्लॉक जैसी समस्याओं से निजात मिल सकेगी।
पहले मरम्मत, फिर नई सडक़ें और बाद में वॉल पेंटिंग भी
शहर के सौंदर्यीकरण के लिए पहले सडक़ों की मरम्मत फिर नई सडक़ों का निर्माण, डिवाइडर, फुटपाथ की मरम्मत और दीवारों पर वॉल पेंटिंग की जाएगी। इनमें एयरपोर्ट रोड से ऑफिसर्स मेस, पोलो ग्राउंड रोड, अरोड़ा सर्किल से जेडीए ऑफिस और खतरानाक पुलिया, भदवासिया से माता का थान, गोकुलजी की प्याऊ, शास्त्रीनगर से महावीर चौराहा, सरदारपुरा बी रोड से डीआरएम ऑफिस, पाल रोड, एम्स रोड, रातानाडा चौराहा से पुलिस लाइन, चौपासनी हाउसिंग बोर्ड में सेक्टर 11 रोड तक सडक़ों पर पेचिंग से मरम्मत का कार्य लगभग पूरा हो गया है। जेएनवीयू से जेडीए ऑफिस, सेनापति भवन से एमबीएम इंजीनियरिंग कॉलेज चौराहा, एयरपोर्ट से ऑफिसर्स मेस, शास्त्रीनगर थाने से पाल लिंक रोड, बनाड़ व पाल रोड पर नई सडक़ों का निर्माण करवाया जाएगा।

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