रीट परीक्षा रविवार को भी दो पारियों सुबह 10 से दोपहर 12.30 और अपराह्न तीन से शाम 5.30 बजे आयोजित की गई। पहली पारी में कुल 18 हजार 850 अभ्यर्थी रजिस्टर्ड थे, जिसमें से 17 हजार 562 परीक्षा देने पहुंचे। कुल मिलाकर 93.17 प्रतिशत उपस्थिति रही। दूसरी पारी में रजिस्टर्ड 21 हजार 352 में से 18 हजार 840 परीक्षार्थी परीक्षा देने पहुंचे। इस दौरान 88.24 फीसदी उपस्थिति रही। कुल मिलाकर 40 हजार 202 अभ्यर्थियों में से 36 हजार 402 अभ्यर्थी परीक्षा देने पहुंचे। करीब 90 फीसदी उपस्थिति रही।
अभ्यर्थी फिर लेट, पुलिस नहीं पसीजी रीट परीक्षा के अंतिम दिन भी अभ्यर्थी परीक्षा केंद्र पर पहुंचने में लेट हो गए। एक घंटा पहले परीक्षा केंद्र के दरवाजे बंद होने से कुछ अभ्यर्थी बाहर ही रह गए। महिला अभ्यर्थी रोने लग गई। परीक्षा केंद्र पर ड्यूटी दे रहे पुलिसकर्मियों का मन नहंी पसीजा। कुछ तो एक से दो मिनट ही देरी से पहुंची, बावजूद पुलिस ने उन्हें अंदर नहीं घुसने दिया। उधर परीक्षा के निर्देशों को ध्यान से नहीं पढऩे की वजह से रविवार को भी परीक्षा केंद्रों के बाहर लंबी आस्तीन की कुर्तियों को कैंची से काटना पड़ा। कान व नाक में पहने गहनों पर भी कैंची चली। पांवों में बिछियां व हाथों में कंगन पहने पहुंची अभ्यर्थियों की खुद की वजह से भी उन्हें देरी का सामना करना पड़ा।
अभ्यर्थियों को देनी पड़ रही दो-दो परीक्षाएं - नकल की रोकथाम के लिए परीक्षा एजेंसी व परीक्षा केंद्रों पर की गई अव्यवस्थाएं से अभ्यर्थियों को बेंजा परेशानी हुई। - अपनी बाइक से परीक्षा देकर पहुंचे अभ्यर्थियों को गाड़ी की चाबी भी बाहर रखने को कहा गया। कई अभ्यर्थी बाइक चोरी की टेंशन लेकर ही परीक्षा कक्ष में पहुंचे। परीक्षा केेंद्रों पर पार्किंग की व्यवस्थाएं नहंीं थी। सिक्के, एटीएम कार्ड भी बाहर रखने का कहा।
- परीक्षा केंद्रों के बाहर ढाबे व थड़ी वालों ने 20-20 रुपए लेकर अभ्यर्थियों का सामान रखा और खुद टोकन बांटे। - परीक्षा केंद्र पर चप्पल की अनुमति दी, बावजूद इसके परीक्षा कक्ष के बाहर चप्पलें उतरवा दी गई।
- प्रतापनगर सहित कई स्कूलों के परीक्षा केंद्र पर स्टाफ ही देरी से पहुंचा। रोल नम्बर की सूची भी परीक्षा केंद्र के बाहर सवा आठ बजे तक नहीं लगी।