साध्वी मनोहर कंवर देवलोकगमन
जैन समाज में शोक की लहर
74 वर्षीय साध्वी ने 58 साल पहले नागौर में ली थी भागवती दीक्षा

जोधपुर. श्रमण संघीय प्रथम युवाचार्य मिश्रीमल महाराज ' मधुकर व उपप्रवर्तक विनयमुनि 'भीम की आज्ञानुवर्तनी मरुधरा ज्योति साध्वी मनोहरकंवर का रविवार को जोधपुर में देवलोकगमन हो गया। सरल स्वभावी 74 वर्षीय साध्वी के देवलोक गमन से संघ और समाज में शोक की लहर छा गई। महाप्रयाण यात्रा डंको बाजे स्थानक से वैकुंठी के रूप में रवाना हुई तो समूचा स्थानक परिसर जयकारों से गूंज उठा। वैश्विक महामारी के कारण सीमित श्रावकों ने सोशल डिस्टेंसिंग के बीच जय जय नंदा...जय जय भद्रा और नवकार मंत्रों के बीच साध्वी का अंतिम संस्कार महामंदिर स्थित ओसवाल समाज के स्वार्गाश्रम में किया गया। साध्वी को संथारा के प्रत्याखान गुरुदेव विनय मुनि भीम के मुखारविंद से हुए। साध्वी मनोहर कुंवर का जन्म श्री डूंगरगढ़ के अलाय में विक्रम संवत 2003 (सन 1946 ) में हुआ था। विक्रम संवत 2019 (सन 1962 ) कार्तिक शुक्ल पंचमी को उन्होंने सांसारिक मोह माया छोड़ कर नागौर में दीक्षा ग्रहण की थी। ब्रह्मलीन साध्वी की गुरुबहनों में साध्वी जयमाला, साध्वी प्रतिभा, साध्वी आनंद प्रभा, साध्वी चंदन वाला, तरुनप्रभा साध्वी चन्द्र प्रभा साध्वी मनीषा प्रमुख है। उनकी सुशिष्याओं में साध्वी सुमंगल प्रभा, साध्वी सुवृद्धिश्री, साध्वी विनीतरूपप्रज्ञा, साध्वी रजत प्रभा, साध्वी सूर्भिश्री, साध्वी प्रांजलश्री व साध्वी वन्दनाश्री प्रमुख है।
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