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स्कूली शिक्षक पढ़ा रहे बीपीएड छात्रों को

locationजोधपुरPublished: Sep 14, 2019 05:08:29 pm

Submitted by:

Amit Dave

– प्रदेश के एकमात्र सरकारी फिजीकल कॉलेज में यूजीसी-एनसीटीइ नियमों की अनदेखी
– अपात्र भी करा रहे अध्यापन

स्कूली शिक्षक पढ़ा रहे बीपीएड छात्रों को

स्कूली शिक्षक पढ़ा रहे बीपीएड छात्रों को

जोधपुर।

प्रदेश के एकमात्र सरकारी शारीरिक शिक्षा महाविद्यालय (फिजीकल कॉलेज) में लंबे समय से विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) व नेशनल काउंसिल फोर टीचर एजुकेशन (एनसीटीइ ) के मानदण्डों व नियमों की अनदेखी की जा रही है। फिजीकल कॉलेज में संचालित हो रहे बैचलर ऑफ फिजीकल एजुकेशन (बीपीएड) व डिप्लोमा इन फिजीकल एजुकेशन (डीपीएड ) की पढ़ाई स्कूली शिक्षक करा रहे है। महाविद्यालय में अध्यापन के लिए प्रोफेसर, सहायक प्रोफेसर, नेट, पीएचडी डिग्रीधारी होने चाहिए जबकि यहां कुछेक शिक्षक ही इस योग्यता को पूरी कर रहे है, फिर भी वे स्कूली शिक्षा से ही है। फिजीकल कॉलेज की संबंद्धता जयनारायण व्यास विश्वविद्यालय से है जबकि अध्यापन कार्य स्कूली शिक्षा विभाग कर रहा है। वर्तमान में बीपीएड व डीपीएड दोनों कोर्स द्विवर्षीय चल रहे हैं। प्रशिक्षणार्थियों को इन कोर्स को पढ़ाने के लिए व्याख्याता नहीं है। मजबूरन शिक्षा विभाग से सैकेण्ड व थर्ड ग्रेड के शारीरिक शिक्षकों को प्रतिनियुक्ति पर लगाकर कोर्स पूरा करवाने की खानापूर्ति की जा रही है। कॉलेज में कुल 300 छात्र-छात्राएं प्रशिक्षण ले रहे है।
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बीपीएड: नहीं हो रही नियमों की पालना

एनसीटीइ के नियमानुसार बीपीएड पाठ्यक्रम के लिए प्रोफेसर व असिस्टेंट प्रोफेसर की योग्यता वाले शिक्षक होने चाहिए। साथ ही, राज्य सरकार व संबंद्धता वाले विश्वविद्यालय द्वारा समय-समय पर प्रोफेसर व सहायक प्रोफेसर के लिए तय की जाने वाली योग्यता मान्य होगी। जेएनवीयू से संबंद्धता वाले निकाय यानि फिजीकल कॉलेज में यूजीसी नियम लागू होंगे। यूजीसी के नियमानुसार शिक्षकों की न्यूनतम योग्यता नेट व पीएचडी होने चाहिए। यहां पर लगे शिक्षक मास्टर डिग्री है और वे बीपीएड की कक्षाएं ले रहे है।
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अपात्र भी करा रहे अध्यापन

डीपीएड में एनसीटीइ के नियम लागू होते है। यहां डिप्लोमा कोर्स में भी नियमों की धज्जियां उड़ाइ जा रही है। एनसीटीइ के नियमानुसार शिक्षक की न्यूनतम योग्यता मास्टर डिग्री एन फिजीकल एजुकेशन होनी चाहिए या बीपीएड व 8 साल का अनुभव होने चाहिए। जबकि यहां यह पात्रता पूरी नहीं करने वाले एक भी शिक्षक नहीं है और वे कक्षाएं ले रहे है
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प्रशिक्षक के पद अंशकालीन, जबकि यहां पूर्णकालिक लगे हुए

एनसीटीइ के नियम के तहत प्रशिक्षकों के पद अंशकालीन है जबकि कॉलेज में लंबे समय से स्थाई रूप से प्रशिक्षक पूर्णकालिक स्वीकृत किए हुए है। इतना ही नहीं, यहां प्रशिक्षकों द्वारा कक्षाएं भी ली जा रही है
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नियमानुसार ही लगे है शिक्षकशिक्षा विभाग के अधीन चल रहा है फिजीकल कॉलेज इसलिए शिक्षक नियमानुसार ही लगे हुए है।

नूतनबाला कपिला, संयुक्त निदेशक

शिक्षा विभाग, बीकानेर

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