राजस्थान के विद्यार्थियों की रुचि नहीं देखकर गुरुवार को अन्य राज्यों के द्वार काउंसलिंग के लिए खोले गए, जिसमें दिल्ली, पंजाब, हरियाणा, मणिपुर, अरुणाचलप्रदेश, गुजरात, मध्यप्रदेश और उत्तरप्रदेश से छात्र आए, लेकिन केवल 21 छात्रों ने होम्योपैथी विषय में प्रवेश लिया। यूनानी और योगा को किसी ने पूछा तक नहीं। आयुर्वेद की सीटें पहले ही दिन भर गई। विशेषज्ञों का कहना है कि आयुर्वेद में सरकारी नौकरी की संभावना अधिक होने की वजह से आयुष के शेष तीनों विषयों की कद्र कम है।
प्रदेश के सरकारी व निजी आयुष कॉलेजों में संचालित बीएएमएस, बीएचएमएस, बीयूएमएस और बीएनवाईएस पाठ्यक्रम में प्रवेश के लिए काउंसलिंग दो चरणों में हुई। पहला चरण 6 से 8 सितम्बर और दूसररा चरण 17 से 19 सितम्बर हो हुआ। दूसरे चरण की काउंसलिंग के बाद प्रदेश में आयुष के राज्य कोटे की 1882 सीटों में से 943 सीटें खाली रह गई। अब 30 सितम्बर को मॉप अप राउण्ड होगा यानी जिन्होंने अब तक प्रवेश नहीं लिया है उन्हें अंतिम मौका दिया जाएगा लेकिन इसमें भी सीटों के भरने की संभावना नहीं के बराबर है।
एनआरआइ कोटे को लेकर असंतोष
एनआरआइ कोटे की करीब 150 सीटों को लेकर भी मॉप राउण्ड में अंतिम काउंसलिंग होगी। एनआरआइ नहीं होने पर इन्हें सामान्य अभ्यर्थियों से भरा जाएगा। एनआरआइ काउंसलिंग को लेकर छात्रों ने असंतोष प्रकट किया है। छात्र एनआरआइ काउंसलिंग को पहले चरण में ही सामान्य सीट में बदलने की मांग कर रहे थे।
पीजी की काउंसलिंग 24 व 25 को
स्टेट आयुष बोर्ड के चेयरमैन डॉ. राजेश शर्मा ने बताया कि पीजी की काउंसलिंग 24 व 25 सितम्बर को होगी। प्रदेश में आठ कॉलेजों में आयुर्वेद व होम्योपैथी विषय में पीजी होती है जबकि यूनानी और प्राकृतिक चिकित्सा में पीजी नहीं होती है। आठ कॉलेजों में पीजी की करीब 66 सीटें है। पहले दिन आयुर्वेद और दूसरे दिन होम्योपैथी की सीटें भरी जाएंगी।
कहां-कितनी सीटें खाली
विषय ———— सीटें ——– खाली आयुर्वेद——— 631——16
होम्योपैथिक——-626 ——420
यूनानी ———-105 ——44
प्राकृतिक चिकित्सा, योगा——466——466