वरिष्ठ न्यायाधीश संगीत लोढा और न्यायाधीश अरुण भंसाली की खंडपीठ में याचिकाकर्ता विशाल सिंघल ने बताया कि जोधपुर रेलवे स्टेशन, उपनगरीय रेलवे स्टेशन राईका बाग और भगत की कोठी पर विशेष श्रेणी, जिनमें वरिष्ठ नागरिक, दिव्यांग जन, गर्भवती महिलाएं तथा बीमार व्याक्तियों के लिए रेलवे परिसर में प्रवेश से लेकर उनके ट्रेन के डिब्बे में चढने तक बैटरी ऑपरेटेड कार उपलब्ध नहीं है। इसके चलते ऐसे व्यक्तियों को मानसिक और शारीरिक कष्ट उठाने पडते हैं। रेलवे परिसर में उपलब्ध एकमात्र लिफ्ट भी अमूमन बंद मिलती है। सिंघल ने बताया कि पार्किंग क्षेत्र एवं रेलवे के दूसरे गेट पर स्थित एस्केलेटर में भी आए दिन खराबी देखने को मिलती है। इसके चलते यात्रियों को प्लेटफॉर्म 2 से लेकर 5 तक कम से कम 44 सीढियां चढनी और उतरनी पडती है। याचिका में पार्किंग के अनुबंधकर्ता द्वारा नियम से अधिक पार्किंग राशि वसूलने का आरोप भी लगाया गया है। उन्होंने बताया कि कई अन्य बुनियादी समस्याएं भी हैं, मसलन प्लेटफार्म और रेल के डिब्बे की उंचाई में अंतर है, जिसके कारण भी विशिष्ट नागरिकों का असुविधा होती है।