ग्रुप के सदस्यों ने गत दिनों ‘राजस्थान पत्रिका’ में ‘गहने बेचे, खेत गिरवी रखा…, अब बची तो सिर्फ सांसें ‘ प्रकाशित समाचार पढ़ा। समाचार में नागौर जिले के खींवसर क्षेत्र के भांवडा निवासी नरपतसिंह के किडनी की बीमारी होने और जयपुर के एसएमएस अस्पताल में इलाज कराने के लिए पैसे नहीं होने की पीड़ा को उठाया गया था। मरीज की पत्नी सरोज कंवर गहने बेचकर, खेत गिरवी रखकर इलाज करवा रही है। इलाज कराते-कराते यह स्थिति हो गई कि इस परिवार के पास धर्मशाला का किराया चुकाने जितने रुपए नहीं बचे।
परिवार की पीड़ा का समाचार पढ़ा तो छात्रावास के पूर्व छात्रों ने व्हाट्सएेप गु्रप पर मुहिम शुरू की। मात्र तीन दिन के भीतर ही 2,22300 रुपए एकत्र कर लिए। इसके बाद शनिवार को हॉस्टल के पूर्व छात्र महेन्द्रप्रतापसिंह भाटी गिराब (आरएएस), कुलदीपसिंह देणोक, हिरेन्द्रसिंह डांवरा, श्रवणसिंह बारू, दशरथसिंह लाम्बा, गोरधनसिंह पीपरली, सवाईसिंह सारूण्डा, रविन्दसिंह राणावत साण्डेराव, थानसिंह पीपरली, राजूसिंह भोजास, जेठूसिंह भूण्डोल ने जयपुर जाकर नरपतसिंह की पत्नी सरोज को सहयोग राशि सुपुर्द की। इलाज में अधिक राशि जरूरत होने पर और सहयोग देने का भरोसा भी दिलाया।
अब किडनी ट्रांसप्लांट की जगी उम्मीद नरपत सिंह की दोनों किडनी खराब हैं। किडनी ट्रांसप्लांट के लिए परिवार प्रयास कर रहा था। मां किडनी देने के लिए तैयार है। लेकिन ट्रांसप्लांट खर्च की राशि जुटाना तो दूर परिवार के लिए दो वक्त के खाना जुटाना भी मुश्किल हो गया। अब सहयोग राशि मिलने के बाद नरपतसिंह की किडनी ट्रांसप्लांट कर जीने की उम्मीद बंध गई है।