आरआरईसीएल ने ऐसे सरकारी भवनों की सूचियां भी जारी की हैं जहां सौर ऊर्जा प्लांट लगाया जा सकता है। पूरे प्रदेश के इन भवनों की क्षमता 50 मेगावाट तक होगी।
– अस्पताल व मेडिकल भवनों की भी सूचियां सौंपी गई हैं।
– सभी डिस्कॉम कार्यालय भी चिह्नित किए गए हैं।
– सरकारी कॉलेज भवनों को भी सौर ऊर्जा प्लांट की सूची में शामिल किया गया है।
– जिला प्रशासनिक व ग्रामीण विकास विभाग के भवनों पर भी प्लांट लगेंगे।
50 मेगावाट के इन प्लांट को रेस्को मोड पर लगाया जाएगा। इसके लिए छह अलग-अलग भागों में काम दिया जाएगा। प्रदेश के सरकारी भवन इन भागों में बांटे जाएंगे। लगाने के बाद 25 साल तक इनका रखरखाव भी संबंधित कंपनी ही करेगी।
सरकारी भवनों पर सौर ऊर्जा प्लांट के लिए टैंडर प्रक्रिया अपनाई जा रही है। टैंडर प्रक्रिया में कैसा रेस्पोंस आता है उस आधार पर आगे की प्रक्रिया अपनाई जाएगी।
– अनिल गुप्ता, प्रबंध निदेशक, आरआरईसीएल