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MINING—दुगुनी रॉयल्टी दर के बोझ से दब रही स्टोन कटिंग इकाइयां

locationजोधपुरPublished: Sep 18, 2020 08:12:07 pm

Submitted by:

Amit Dave

– पूर्व में ली जा रही राशि से अब वसूला जा रहा दो गुना ज्यादा शुल्क
– कच्चे व पक्के माल पर भी ली जा रही एक ही दर

MINING---दुगुनी रॉयल्टी दर के बोझ से दब रही स्टोन कटिंग इकाइयां

MINING—दुगुनी रॉयल्टी दर के बोझ से दब रही स्टोन कटिंग इकाइयां

जोधपुर।

पूर्व सरकार की ओर से स्टोन कटिंग इकाइयों पर लागू की गई रॉयल्टी दरों से जोधपुर की स्टोन कटिंग इकाइयों पर दुगुना आर्थिक बोझ पड़ रहा है। इसके अलावा, खान व भूविज्ञान विभाग द्वारा कच्चे व पक्के माल की एक ही दर तय करने से व्यापारियों की हालत खराब होती जा रही है। जहां एक तरफ कोरोना महामारी व लॉकडाउन से उद्योग प्रभावित हुआ है, वहीं दूसरी ओर विभाग के अधिकारियों द्वारा बंद कमरों में बैठकर मूल्यांकन के आधार पर रॉयल्टी दरें तय करने से स्टोन कटिंग उद्योग पटरी से उतर रहा है।

पहले से दुगुनी की गई दरें

जब से स्टोन कटिंग उद्योग पर रॉयल्टी दर लागू हुई है, तब से कच्चे (जिसे अनड्रेस माल भी कहा जाता है) व पक्के (जिसे डे्रस माल कहा जाता है) की दरें अलग-अलग होती थी। पूर्व में कच्चे माल की एक गाड़ी यानी पत्थर का एक ब्लॉक जो करीब 20 टन का होता है, उसकी रॉयल्टी से 2000 से 2500 रुपए बनती थी। वही अब उसी माल का 5000 से 5500 रुपए रॉयल्टी देनी पड़ रही है। इसमें भी 10 प्रतिशत सर्विस चार्ज अलग से देना पड़ रहा है। उदाहरण के लिए तीन गाड़ी कच्चे माल की लाने पर एक गाड़ी पक्का माल निकलता है, ऐसे में व्यापारी को कच्चे माल की भी पक्के माल के बराबर रॉयल्टी देनी पड़ रही है। इससे मंदी के दौर में उद्यमियों को इकाइयां चलाना भारी पड़ रहा है।

कच्चे व पक्के माल पर एक ही रॉयल्टी दर होने से उद्योग प्रभावित हो रहा है। हम मुख्यमंत्री से कच्चे व पक्के माल की दर अलग तय करने की मांग की है, तांकि उद्योग पुन: पटरी पर आ सके।
युधिष्ठिर देवड़, सचिव

जोधपुर स्टोन पार्क इंडस्ट्रीज एसोसिएशन

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